लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल के अस्पताल निदेशक पर कैंसर मरीज का करीब साल भर का चिकित्सा प्रतिपूर्ति का बिल रोके रखने का आरोप है। आरोप है कि अस्पताल में मरीज-तीमारदार चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिल पास कराने के लिए अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी तीमारदारों से अभद्रता करते हुए उन्हें टरका रहे हैं।
फिलहाल मरीज की बेटी ने बलरामपुर अस्पताल के निदेशक पर आरोप लगाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ, स्वास्थ्य मंत्री व यूपी पुलिस को ट्विटर पर टैग करके शिकायत दर्ज कराई। महिला पुलिस शुक्रवार को मरीज के तीमारदार को लेकर निदेशक कार्यालय जांच करने पहुंची। इस दौरान निदेशक वहां से खिंसक लिए। महिला तीमारदार ने निदेशक पर मानसिक प्रताड़ना, अभद्रता समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।
बताते चले कि ऐशबाग मोतीनगर निवासी कमलेश प्रसाद तिवारी सिंचाई विभाग में कार्यरत थे। वह करीब एक साल से कैंसर बीमारी से जूझ रहे हैं। उनका इलाज दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल से चल रहा है। बेटी सौ या का आरोप है चिकित्सा प्रतिपूर्ति का करीब साल भर का लाखों रुपए का बिल अस्पताल में जमा है। कई दफा बिल पास कराने के लिए गए। हर बार निदेशक चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल में खामी निकालकर उसे टाल रहे थे। चिकित्सा प्रतिपूर्ति का बिल पास न होने से मरीज का इलाज तक बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। निदेशक की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बृहस्पतिवार को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के करीब छह ला ा का बिल लेकर निदेशक कार्यालय आई थी।
निदेशक ने बिल पास करने से मना कर दिया। बेटी ने विरोध जताया तो निदेशक अभद्रता करने लगा। शुक्रवार को बेटी ने सीएम, स्वास्थ्य मंत्री, यूपी पुलिस को ट्विटर पर शिकायत दर्ज कराई। इसमें निदेशक पर मानसिक उत्पीड़न, अभद्रता संग कई अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। सीएम कार्यालय से मामले की जांच के आदेश दिए गए। उधर, यूपी पुलिस की महिला सिपाही बेटी को लेकर निदेशक कार्यालय जांच के लिए पहुंची। मामले की भनक लगते ही निदेशक वहां से निकल गए।
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