लखनऊ। बहन की रक्षा का वादा करने वाले भाई ने आज अपने जीजा की की जिंदगी की टूटती डोर को नयर जिंदगी दे दी। भाई ने जीजा को लिवर लोब दान करके बहन का सुहाग बचा लिया। डाक्टरों ने जब उसकी बहन को लिवर सिरोसिस के बाद प्रत्यारोपण ही अंतिम उपाय बताया था आैर प्रत्यारोपण कराने की सलाह दी, तो पूरा परिवार सदमें आ गया था। उसकी बहन तो बेहाल हो गयी थी। तबियत बिगडने के अलावा उनके पति का ब्लड ग्रुप भी काफी दुर्लभ ग्रुप में आता था।
यही नही लिवर प्रत्यारोपण के लिए जब पत्नी ,बहन व अन्य करीबी रिश्तेदार की जांच की गयी, तो कोई भी मानक को पूरा नहीं कर सका था। इसके बाद साले ने अपना लिवर की जांच करायी तो उसका लिवर दान के लिए उपयुक्त पाया गया। जीजा की जिंदगी बचाने के लिए साला तुरंत ही अपना लिवर देने को तैयार हो गया। डाक्टरों ने उसके लिवर से 35 प्रतिशत लिवर लोब निकाला है। डाक्टरों ने अनुसार लिवर दान कर्ता का लिवर कुछ महीने बाद वापस अपने आकार में आ जाता है।
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