लखनऊ। ट्रॉमा सेंटर में महिला तीमारदार की पिटाई के बाद केजीएमयू के मुख्य परिसर में पीआरओ कार्यालय के पास सुरक्षा गार्डों ने मरीज व उसकी पत्नी को बाल पकड़ कर पीटने का आरोप लगा है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि परिजनों को धक्के देकर भगा दिया। मासूम बच्चों ने मम्मी पापा को पिटते देखा तो वह बिलखने कर रोने लगा। सुरक्षा गार्डों का गुस्सा यही नहीं मासूम बच्चों को भी धक्का देकर भगा दिया। भीड़ देख कर पहुंची पुलिस से पीड़ित परिजनों ने शिकायत की, लेकिन गार्ड तब तक भाग निकले। केजीएमयू प्रशासन फिर मौन साधे हुए है।
घटना केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार के कार्यालय के ठीक नीचे पीआरओ काउंटर के पास की है। बाराबंकी का रहने वाला विद्या प्रसाद पेशे से वाहन चालक है। वह 29 जनवरी को रोड एक्सीडेंट में घायल होने पर परिजन उन्हें केजीएमयू लाकर भर्ती करा दिये थे। यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों पैरों में फ्रैक्चर पाया था। डॉक्टरों ने सर्जरी कर प्लेट लगा दी थी। प्लेट के कारण वह सामान्य लोगों की तरह बैठ नहीं पाते हैं। चलने के लिए छड़ी लेना पड़ता हैं। बुधवार को विद्या प्रसाद परिवार के साथ केजीएमयू में इलाज संबंधी दस्तावेज लेने थे। उन्हें पीआरओ कार्यालय के पास कमरा नम्बर नौ से रिपोर्ट लेनी थी। वहां पर रिपोर्ट के लिए लंबी लाइन थी लिहाजा मरीज विद्या प्रसाद परिवार के साथ गैलरी में बैठ गये। लोगों ने बताया कि इसी दौरान वहां कुछ कर्मचारी गार्डों के साथ वहां से निकले।
गैलरी में भीड़ होने के कारण गार्डों सभी को हटाने के लिए कहा गया। फिर क्या था कि सुरक्षा गार्डों ने मरीज व तीमारदारों को गैलरी से भगाना शुरू कर दिया। सर्जरी के कारण मरीज विद्या प्रयाद को उठने में देर हो रही थी। वह उठने की कोशिश कर रहा था। कई बार कहने के बाद भी तत्काल नहीं हटने पर वहां पर सुरक्षा गार्ड आक्रोशित हो गये। गार्डों ने उसे सम्हलने के लिए मौका दिये बगैर ही बाल पकड़कर बाहर खीचने लगे, तो वह चीखने चिल्लाने लगा। दर्द के कारण चीखते हुए उसने पैर की सर्जरी होने की जानकारी दी।
फिर भी संवेदनहीन गार्डो ने रैंप से खींचते हुए बाहर कर दिया। आरोप है कि जब पत्नी पिंकी ने विरोध किया तो गार्डों ने उनके भी बाल पकड़कर खिंचकर बाहर खदेड़ दिया। दम्पत्ति के दो बच्चे भी साथ थे। उन्हें भी धक्का देकर भगा दिया गया। रोते-बिलखते परिवार को देख पीआरओ कार्यालय के बाहर भीड़ जुट गई। भीड़ देख पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस वालों ने परिवार से पूरी जानकारी हासिल की आैर चली गयी। सहमें परिजनों का कहना है कि अभी इलाज संबंधी पूरे दस्तावेज नहीं मिले हैं। पर, अब वह दस्तावेज नहीं लेंगे। दोबारा कमरा नम्बर नौ की तरफ जाएंगे तो गार्ड फिर पीट देंगे।
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