-लखनऊनऊ। कोरोन काल में गर्भवती को शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है क्योंकि बच्चे के पर्याप्त विकास में इन दोनों की अहम् भूमिका है । घर-परिवार वालों को भी गर्भवती के सामने हमेशा मन को प्रसन्न करने वाली चर्चा करनी चाहिए। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही आशा कार्यकर्ता और एएनएम भी बराबर गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनोंको जागरूक करने में जुटी हैं ।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव का कहना है कि बुरी बातें सोचने, चिंता करने से महिला की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए आपका मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना ज्यादा महत्वपूर्ण है । इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचें। सकारात्मक और उत्साह बढाने वाली कहानियां पढ़ें । आयरन और कैल्शियम की गोलियों का सेवन भी इस दौरान अवश्य करती रहें ताकि शरीर में खून की कमी न होने पाए । इस दौरान ऊपरी बांह के उपयुक्त व्यायाम और योग भी करें । यह किसी भी तरह के तनाव में आने से बचाने में मददगार साबित होगा ।
डॉ. सुजाता का कहना है कि गर्भवती को घर पर नियमित रूप से हाथ की सफाई करते रहना चाहिए, अपने चिकित्सक से घर पर स्वच्छता के तौर-तरीकों के बारे में भी जानकारी ले सकतीं हैं ।
खाने में इसका ध्यान रखें
हरी सब्जियों, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट सहित पर्याप्त व पौष्टिक आहार लें। यदि गर्भावस्था को लेकर किसी भी तरह की चिंता में हैं तो फोन पर अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम या संदर्भ विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर पीड़ित का समय लगभग है तो अपना मदर कार्ड और आपातकालीन एम्बुलेंस का नंबर तैयार रखिये। परिवार वालों को भी इस बारे में जानकारी अवश्य दे दो।