लखनऊ। इंजीनियरिंग व अन्य विषयों की पढ़ाई कराने का दावा करने वाली को कोंिचंग की आड़ मे अस्पताल का संचालन कि या जा रहा था। अंदर आपरेशन थियेटर में कोई मानक पूरा नही था आैर काफी गंदगी थी। गुमराह करने के लिए बाहर से एक कोचिंग का बैनर लगाया गया था। पुलिस पूरे अस्पताल की तलाशी ली, लेकिन अस्पताल से सम्बंधित कोई कागजात नहीं मिल सके अौर सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण के दस्तावेज मिले।
बताया जाता है कि हिरासत में लिए गए कर्मचारी मान सिंह और अनामिका भी अस्पताल व डॉक्टरों से सम्बंधित कोई जानकारी नहीं दे सके। घटना की सूचना परिजनों ने करीब एक बजे यूपी-100 पर दी। लेकिन पीआरवी-502 और 492 करीब 1:40 बजे मौके पर पहुंच सकी। हालांकि महिला की बिगड़ती हालात और लोगों की नाराजगी बढ़ते देख पुलिस ने 108 एम्बुलेंस को कॉल किया, जिसके बाद करीब 2:50 बजे महिला को एम्बुलेंस से ट्रॉमा सेंटर भेजा जा सका। अस्पताल में ही पीड़ित महिला मरीज बद्दुपुर बाराबंकी निवासी प्रीति भी भर्ती मिली।
प्रीति के पेट मे दर्द होने के चलते उसे रविवार को ही भर्ती कराया गया था। उसे ग्लूकोज चढ़ रहा था। मौके से डॉक्टर व अन्य स्टॉफ भाग जाने के बावजूद पुलिस ने उसे दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करवाना उचित समझा और न ही इसकी जानकारी सीएमओ कार्यालय को दी। स्थानीय पुलिस का तर्क है कि हंगामे की सूचना पर पुलिस अस्पताल गई थी। पीडित महिला को ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए सीएमओ को जानकारी दी जाएगी।
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