अस्पतालों की ओपीडी में टूडे दो घंटे इलाज, मुश्किल

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लखनऊ। सरकारी अस्पतालों में तैनात ई-हॉस्पिटल परियोजना के संविदा कर्मचारी सोमवार की सुबह दो घंटे कार्य बहिष्कार करेंगे। इन दौरान मरीजों को ओपीडी में दिखाना टेढ़ी – खीर होगा। यह कर्मचारी सेवा विस्तार और पद सृजन न होने से काफी नाराज हैं। इनकी मांग है कि उन्हें स्थायी रूप से अस्पताल में काम पर रखा जाए। हर तीन महीने से एक साल के लिए काफी समय से विस्तार देने की ही प्रक्रिया चल रही है।

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राजधानी के सभी प्रमुख अस्पतालों में बलरामपुर, सिविल, लोहिया, लोकबंधु राजनारायण, वीरांगना अवंती बाई महिला अस्पताल (डफरिन) में तैनात ई-हॉस्पिटल परियोजना के संविदा कर्मचारी है। यह लोग सभी एक साथ सुबह आठ से 10 बजे तक कार्य बहिष्कार करेंगे। यह कर्मचारी अस्पताल के प्रमुख रूप से ओपीडी पर्चे बनाने, जांच शुल्क जमा करने, इमरजेंसी मरीजों की फाइलों की फीडिंग आदि में लगे हैं। काउंटर पर नया पर्चा न बनने से ओपीडी में नये मरीजों को डॉक्टर को दिखाने में सबसे ज्यादा दिक्कत होगी।

इसके साथ ही साथ ही खून, यूरिन, अल्ट्रासाउंड आदि की जांच के लिए शुल्क न जमा होने से भी परेशानी होगी। क्योंकि जांच शुल्क काउंटरों पर सुबह 11 बजे तक ही जमा किया जाता है। बताते चले कि शनिवार को इन संविदा कर्मचारियों ने अस्पतालों में ओपीडी का काम खत्म करने के बाद गांधी प्रतिमा, हजरतगंज पर प्रदर्शन भी किया था। इन कर्मचारियों का कहना है कि 31 जुलाई को उनकी सेवा समाप्त हो रही है। अभी तक सेवा विस्तार न होने से डरे और गुस्से में हैं। प्रदेश में करीब चार सौ कर्मचारी 32 सरकारी अस्पतालों में कार्यरत हैं। मांग है कि उन्हें नियमित रुप से या एनएचएम में समायोजित किया जाए।

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