लखनऊ। राजधानी लखनऊ के 16 स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से लिया है। उपकरणों की मरम्मत में लापरवाही पर भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सीएमओ से एक सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट तलब की है।
मीडिया में प्रकाशित खबरों का डिप्टी सीएम ने संज्ञान लिया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अस्पतालों को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। नए व आधुनिक उपकरणों से अस्पतालों को लैस किया जा रहा है। पुराने उपकरणों की मरम्मत के लिए पर्याप्त बजट अस्पतालों को आवंटित किया गया है। इसके बावजूद अस्पतालों में उपकरण खराब हैं। उनकी मरम्मत में लापरवाही बरती जा रही है। यह गंभीर चिंता का विषय है। वहीं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी भी गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने सीएमओ को एक सप्ताह के भीतर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। खामियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। ताकि मरीजों को इलाज हासिल करने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
*मरीजों को जली रोटियां परोसने की होगी जांच*
फतेहपुर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में मरीजों को जली रोटियां व पानी वाली दाल परोस जाने के प्रकरण पर भी डिप्टी सीएम ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक से कहा कि मरीजों के स्वास्थ्य संबंधी प्रकरण बेहद गंभीर है। प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाए। कमेटी मौके पर जाकर मामले की जांच करे। एक सप्ताह में जांच आख्या प्रस्तुत की जाए। साथ ही प्रशासनिक नियंत्रण न रख पाने में कॉलेज के प्रधानाचार्य और सीएमएस के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। भोजन परोसने वाली संस्था पर भी शिकंजा कसेगा।












