लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पांच अक्टूबर की रात में चोरी छिपे बाहर जा रहे ट्रक में लादे गये सामान की जांच शनिवार को टीम के सदस्यों ने की। सूत्रों की माने तो ट्रक में लादे गये सामान में नेडा द्वारा भेजी गयी एलईडी लाइटें काफी संख्या में निकली है। इसके अलावा एक जनरेटर भी निकला है। इन सभी का अनुमानित मूल्य 34 लाख से ज्यादा बताया जा रहा है। बताते है कि जांच टीम ने नेडा के अधिकारियांें को भी सूचना देकर एलईडी लाइटों के बारे में जानकारी मांगी है। केजीएमयू प्रशासन ने जांच टीम को सात दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिये है।
पांच अक्टूबर की रात में केजीएमयू से बाहर जा रहे एक ट्रक को पीआरओ ने सुरक्षा कर्मियों को बाहर जाने से रोक दिया था। ट्रक में जनरेटर क्रेन की मदद से जनरेटर लादा जा रहा था। इसके अलावा अन्य सामान भी ट्रक में लदा हुआ था। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने ट्रक को जब्त करके चार सदस्यीय जांच टीम बना दी थी। जांच कमेटी को सात दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है। ट्रक में सामान लोड कराने के मामले में केजीएमयू के बिजली विभाग के इंजीनियर एस पी सिंह का नाम आया है। इससे पहले भी इंजीनियर एस पी सिंह पर अपने वरिष्ठ अधिकारी पर कॉल बेल की आड़ में सीसीटीवी कैमरा छुपाने का आरोप लगा था। कैमरा व तार भी बरामद हो गया था, जो कि एस पी सिंह के कमरे तक जाता था। इसका वीडियों भी केजीएमयू प्रशासन ने बनवाया था। इसके बाद भी केजीएमयू प्रशासन की जांच रिपोर्ट दबा दी। अब तक कार्रवाई नहीं हो पायी। फि लहाल ट्रक में लदे सामान की जांच करने के लिए टीम पहुंची। सुरक्षा गार्डो की देखरेख में आज ट्रक में लदे सामान बाहर निकाला गया। सामान देख कर जांच टीम की आंखें फटी रह गयी। सामान में नेडा के द्वारा दी गयी महंगी एलईडी लाइटे पैक मिली। काफी संख्या में मिली एलईडी लाइटों की कीमत लगभग 24 लाख आंकी जा रही है। यह लाइटें केजीएमयू में सर्जरी विभाग तथा आस-पास लगायी जानी थी। इतनी महंगी लाइटों के बरामद होने पर नेडा के अधिकारियों को भी सूचित किया गया है। इसके अलावा ट्रक में लादे गये जनरेटर की कीमत भी लगभग दस लाख रुपये आंकी जा रही है। इतनी महंगी लाइटे आैर जनरेटर बरामद होने के बाद जांच टीम भी सन्नाटे में है। फि लहाल जांच टीम रिपोर्ट केजीएमयू प्रशासन को सौंपेगी।