लखनऊ। वर्तमान में युवा वर्ग में कंधे में चोट लगने से उतरने तथा घुटने के लचकने की दिक्कत ज्यादा हो रही है। ऐसे में मरीजों को चाहिए कि विशेषज्ञ से जांच कराने के बाद ही प्लास्टर या नी कैप को लगाना चाहिए। यह जानकारी स्पोटर्स सर्जरी विभाग के प्रमुख व आर्थोस्कोपी विशेषज्ञ डा. आशीष कुमार ने आर्थोस्कोपी कांक्लेव 2018 में दी। कन्वेशन सेटर में आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञ सर्जन ने आर्थोस्कोपी तकनीक से लाइव सर्जरी करके लगभग 200 डाक्टरों को तकनीक की जानकारी दी। कार्यक्रम का उद्घाटन केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला में नयी तकनीक सीखने को मिलती है।
डा. कुमार ने बताया कि घुटने या कंधे पर और तीन हफ्ते बाद भी दिक्कत बनी हो आैर दर्द भी नहीं जा रहा हो विशेषज्ञ डाक्टर के परामर्श पर एमआरआई करा लेनी चाहिए। यह लिगामेंट टूटने के कारण भी हो सकती है। इसमें दूरबीन विधि से सर्जरी कारगर होती है। विशेषज्ञों ने डाक्टरों को लाइव सर्जरी में यह भी बताया कि अब एब्जार्बल आर्थोस्कोपी एंकर भी आ गये है। जो कि सर्जरी के बाद घुल जाते हैं, जबकि अब तक मेटल के होते थे और वे घुलते नहीं है। इनसे टांको को भी नुकसान नहीं होता है।
लाइव सर्जरी में 200 से अधिक डॉक्टर्स को आर्थोस्कोपी की बारीकियों की जानकारी विशेषज्ञों ने दी। सर्जरी का सीधा प्रसारण कांफ्रेंस में किया गया. कान्क्लेव में आर्थोपैडिक विभाग के प्रमुख व आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. जीके सिंह सहित अन्य वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे।
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