लखनऊ। गलत और असमय खानपान युवाओं में लिवर कैंसर की संभावनाओं को बढ़ा रहा है। पहले लिवर कैंसर 50 वर्ष की उम्र के बाद दिखाई देता था आजकल 20-25 वर्ष की उम्र के युवाओं में भी लिवर कैंसर पाया जा रहा है। यह बात डॉ पुनीत मेहरोत्रा ने यूपी चैप्टर ऑफ इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की तरफ से आयोजित कार्यशाला में कहीं। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में डॉक्टर पुनीत ने कहा वर्तमान में युवाओं में खान-पान में बहुत ज्यादा लापरवाही देखने को मिल रहा है। जिसके कारण लिवर दिक्कत करने लगता है सबसे ज्यादा जंक फूड अल्कोहल का सेवन करना और व्यायाम न करना है।
जोधपुर मेडिकल कॉलेज स्थित गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील दधीच ने लोगों में पेनक्रियाज में सूजन आने की दिक्कत भी बढ़ने लगी है। अगर तेज दर्द हो रहा हो तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए क्योंकि पेनक्रियाज में सूजन आने के बाद खाद्य पदार्थ बढ़ाने का एंजाइम बाहर निकलने लगता है। इससे मरीज बेहाल होने लगता है मरीज की दिक्कत बढ़ रही हो तो तत्काल सीटी स्कैन या सोनोग्राफी से इसकी पुष्टि हो सकती है।
शराब का सेवन और पित्त की नली में पथरी अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है। लापरवाही बरतने पर पैंक्रियाज (अग्न्याशय) तक को खराब कर सकती है। जो मरीज की मौत का करण भी बन सकता है। ऐसे में उन लोगों को सावधान हो जाना चाहिए जो शराब का सेवन करते हो या फिर उनके पित की नली में पथरी रही है। ऐसी स्थिति यदि पेट में तेज दर्द जो कमर की तरफ जाता हो, साथ ही रक्तचाप और पल्स कम हो तो व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए और तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि यदि अग्न्याशय में सूजन आ गई है तो मरीज को थोड़ा-थोड़ा भोजन करते रहना चाहिए। जिससे संक्रमण फैलाने वाले वैक्टिरिया भोजन खाने में लग जायें और शरीर के अन्य अंगों को नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि अग्न्याशय में सूजन आने पर खाना पचाने वाला रस लीक करने लगता है। जो कि पहले अग्नाशय को नुकसान पहुंचाता है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित गैस्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष और संगोष्ठी के आयोजन सचिव गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट प्रो. सुमित रूंगटा ने बताया कि मुख्य रूप से गैस्ट्रो मेडिसिन व फिजीशियन के लिए आयोजित की गई है। कार्यशाला में लिवर की बीमारियों और सर्जिकल पर भी जानकारी दी जाएगी। जिससे फिजीशियन के साथ लिवर और पेट रोग के इलाज के नई तकनीकों की जानकारी साझा की जा सके। उन्होंने बताया कि लिवर प्रत्यारोपण के विषय में प्रो.अभिजीत चंद्रा का एक लेक्चर हाऊ टू डेवलप लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम इन पब्लिक सेक्टर काफी प्रमुख रहने वाला है।