डेस्क। आज के अत्याधुनिक परिवेश में भूख से मौत होना आश्चर्य लगता है। जब मंगल ग्रह पर जाने की बात करते हो। पर यह भी सच है कि प्रदेश में महोबा जिले के खन्ना क्षेत्र में एक युवक की भूख से मृत्यु होने का मामला उजागर हुआ है।
जिला प्रशासन के अधिकारी के अनुसार घनडुआ गांव में 38 वर्षीय गरीब छुट्टन की कल शाम असामयिक मृत्यु को भूख से होने की बात कही जा रही है। उसकी मौत के बाद गांवों वालो ने आपस मे चंदा कर कफन आदि एकत्र कर उसका अंतिम संस्कार कराया। मृतक की पत्नी सरोज के अनुसार उसका परिवार जबर्दस्त मुफलिसी और फाकाकसी की चपेट में था। राशन के अभाव में पिछले चार दिनों से घर में चूल्हा तक नहीं जला था।
बताते है कि तीन छोटे बच्चे गांव में लोगो से भोजन मांग कर अपना पेट किसी तरह भर लेते थे लेकिन पति-पत्नी पानी पीकर दिन गुजार रहे थे। छुट्टन बीमार होने के कारण घर मे ही पड़ा रहता था। सरोज ने दो दिन पहले गांव के प्रधान तथा सरकारी राशन विक्रेता को अवगत करा मदद की गुहार लगाई थी, बताते है कि लेकिन दोनों ने उसे भगा दिया था।
छुट्टन की भूख से मौत की खबर चर्चा में आते ही जिलाधिकारी अजय कुमार सिंह ने एडीएम न्यायिक महेंद्र सिंह को मौके पर भेज पीड़ित परिवार को 50 किलो अनाज और पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई है। मामले की जांच में एडीएम ने मौत का कारण बीमारी माना है। जांच रिपोर्ट के अनुसार गरीबी रेखा में होने के कारण मृतक की पत्नी का अंत्योदय राशन कार्ड बना हुआ है, जिस पर उसे प्रतिमाह 35 किलो ग्राम खाद्य सामग्री भी प्रदान की जा रही थी। अपर जिलाधिकारी समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंच मामले की पड़ताल कर पीड़ित परिवार के लिए राशन का इंतजाम करा दिया है।