आक्रोशित डाक्टरों के आंदोलन का खाका तैयार

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लखनऊ। प्रदेश सरकार के उदासीन रवैये से आक्रोशित प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ ने आज आन्दोलन की चेतावनी दे दी है। कार्यकारिणी की बैठक के बाद डाक्टरों ने ऐलान किया कि अब आरपार की लड़ाई होगी। रविवार को राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ (पीएमएस) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए रोष प्रकट किया।

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महामंत्री डॉ. अमित सिंह ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार के लिए सरकार जो प्रयोग कर रही है वह अव्यवहारिक होने के नाते यह डाक्टरों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। डाक्टरों की समस्याओं को दूर तो हुयी बल्कि स्वास्थ्य में नये-नये प्रयोग कर रही हैं इससे पीएमएस संवर्ग में गहरा रोष है। बैठक में डाक्टरों ने कहा कि उच्च न्यायालय में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर हलफनामा देने की बात हुयी तो सरकार ने डाक्टरों को अति विशिष्ट सेवा संवर्ग बताते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति न देने को कहा गया। लेकिन जब डाक्टरों के अधिकारों पर निर्णय लेने की बात होती है तो ये विशिष्ट संवर्ग के डाक्टरों को साधारण संवर्ग की भांति उपेक्षित किया जाता है। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार व शासन में बैठे लोगों की हठधर्मिता की वजह से डाक्टर आन्दोलन करेंगे।

आन्दोलन के प्रथम चरण में आम जनता को हकीकत बतायी जाएगी। इसके लिए 17 सितम्बर को पत्रकार वार्ता, 24 सितम्बर को मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा तथा एक अक्टूबर से काला फीता बाँधकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।
बैठक में यह भी चर्चा की गयी कि डाक्टर संवर्ग की छवि इतनी खराब हो गयी है कि नये डाक्टर संवर्ग को ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। कार्यरत चिकित्सकों की प्रोन्नति, समयबद्ध वेतनमान, नान प्रैक्टिसिंग पे तथा अन्य भत्तों पर सरकार कोई निर्णय ले ही नहीं रही है। सेवानिवृत्ति की आयु में परिवर्तन करने में डाक्टरों की न तो राय ली गयी और ही विकल्प ही दिया जा रहा है, यह डाक्टरों के लिए उत्पीड़न के समान है। इससे स्वास्थ्य सेवायें प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रही है। बैठक में प्रमुख रूप से वरिष्ठ पदाधिकारी डा. अशोक कुमार, डा. आशुतोष दुबे सहित अन्य डाक्टर मौजूद थे।

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