लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेजिडेंट डॉक्टरों का सब्र का बांध आखिरकार बीती रात टूट ही गया, जब उनके साथ मरीज के तीमारदारों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मारपीट की और यही नहीं साथी महिला रेजिडेंट के साथ अभद्रता भी कर दी । ट्रामा सेंटर में तीमारदारों द्वारा रेजिडेंट डॉक्टरों से मारपीट की घटना के बाद केजीएमयू प्रशासन द्वारा उनकी सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने पर पहले से ही आक्रोशित चल रहे रेजिडेंट डॉक्टर आखिरकार तत्काल काम ठप कर दिया। बीती रात बाल रोग विभाग में मड़ियांव निवासी तीमारदार का बच्चा की दिमागी बुखार के कारण मौत हो गई।
मौत के बाद तीमारदारों ने मौके पर मौजूद रेजिडेंट डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया और उनके साथ मारपीट को आमादा हो गए। हंगामे के दौरान तीमारदारों ने महिला रेजिडेंट डॉक्टरों को भी नहीं बख्शा और उनके साथ भी अभद्रता की। इससे साथी रेजिडेंट डॉक्टर और आक्रोशित हो गए अपने सभी साथियों को घटना की जानकारी दी । सभी ने कामकाज ठप कर के ट्रामा सेंटर पहुंच गए और वहां भी हड़ताल शुरू कर दी । अचानक शुरू हुई हड़ताल से केजीएमयू प्रशासन सकते में आ गया। आनन फानन में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर snशंखवार और डॉ मधुमती मौके पर पहुंची सभी को समझाने का प्रयास किया लेकिन मामला बढ़ता ही गया रात 1:00 बज चुके थे और कोई भी रेजिडेंट डॉक्टर काम पर जाने को तैयार नहीं था।
हड़ताल की जानकारी होने पर चिकित्सा अधीक्षक सहित अन्य डॉक्टर भी मौके पर पहुंच गए। सभी ने मरीजों की इलाज के हवाला देते हुए उन को समझाने बुझाने का प्रयास किया और उनके समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है मौके पर तो हर तरह से मांगों को पूरा करने का आश्वासन देकर काम शुरु करा देते हैं लेकिन उसके कुछ दिन बाद फिर वही लापरवाही का रवैया शुरू हो जाता है। उनकी मांगों के संबंध में मीटिंग तो होती रहती हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता है। लेकिन इस बार नतीजा नहीं निकला तो रेजिडेंट डॉक्टर पूरी तरह से हड़ताल पर चले जाएंगे जिस किसी भी जिम्मेदारी केजीएमयू प्रशासन की होगी।
आखिरकार कोई भी रेजिडेंट डॉक्टर तीमारदारों से मार खाकर काम नहीं करना चाहता है। अपने स्तर से मरीज का हर संभव बेहतर इलाज करता है चाहे उस पर कितना भी काम का दबाव क्यों ना हो। इसके बावजूद रेजिडेंट डॉक्टरों की कोई सुनवाई नहीं होती है वरिष्ठ डॉक्टर इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हो सकते हैं। फिलहाल आज शाम 4:00 बजे प्रशासनिक अधिकारियों ने रेजिडेंट डॉक्टरों की मीटिंग बुलाई है और एक बार फिर समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया है।
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