जांच के आदेश
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर के विस्तार और जनरल सर्जरी विभाग के नए भवन निर्माण के लिए खुदाई से निकाली मिट्टी को नियमों को दरकिनार कर बेचे जाने के आरोप लगे है। इस पर इंजीनियर, कार्यदायी संस्था और ठेकेदार शक के दायरे में आ गये है। शिकायत के बाद केजीएमयू प्रशासन ने जांच के आदेश देते हुए सभी से जवाब मांगा है।
केजीएमयू में ट्रॉमा-2 का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसके साथ ही शताब्दी फेज-वन के पीछे सर्जरी विभाग की बहुमंजिला इमारत बनाई जा रही है। यहां बेसमेंट निर्माण के लिए लगभग 12 फिट गहरी खुदाई की गयी। इससे निकली लाखों रुपये मूल्य की मिट्टी को बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के बेचने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गयी है। मजे की बात तो यह है कि इन लोगों ने मिट्टी के डिस्पोजल के नाम पर केजीएमयू से ढाई करोड़ रुपये का बजट भी बना दिया,
इस बजट पर सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि मिट्टी निस्तारण के लिए कोई बजट स्वीकृत नहीं किया जाएगा। लिहाजा मिट्ी को बेचा जा सकता है। प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि कुछ इंजीनियरों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर मिट्टी को अवैध रूप से बेचने की शिकायत मिली है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू प्रशासन तुरंत मिट्टी की बिक्री पर रोक लगा दी गई।
मिट्टी की अवैध बिक्री को लेकर जिम्मेदार इंजीनियरों और ठेकेदारों के खिलाफ जांच शुरु कर दी गयी है। पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच चल रही है। बताया जाता है कि क्वीनमेरी के विस्तार की खाली भूमि पर भी मिट्टी एकत्र कराई जाएगी। अभी तक मिट्टी को बेचने के लिए अधिकृत टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।












