धनतेरस पर जमकर हुई सोना, चांदी , मोबाइल और गाड़ियों की खरीदारी

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लखनऊ । इस बार धनतेरस पर जमकर लोगों ने जमकर खरीदारी की। दोपहर से देर रात तक शहर के सभी बाजारों में ग्राहकों की भीड़ रही। सुबह 11 बजे बाजार खुलते ही ग्राहकों का आना शुरू हो गया और रात 12 बजे तक बाजार में रौनक रही। ऑटोमोबाइल, सराफा, बर्तन, क्राकरी, इलेक्ट्रानिक्स, कपड़ा सहित अन्य सेगमेंट में जमकर खरीदारी हुई।

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मार्केट के जानकारों के अनुमान में इस बार धनतेरस पर इस बार लगभग 1000 करोड़ से अधिक का बिजनेस हुआ है, क्यों इस बार दीपावली से पहले सरकार ने इलेक्ट्रानिक आईटम राज्य जीएसटी विभाग को भी इतने का ही कारोबार होने की उमीद है साथ ही यह भी आशा की जा रही कि इस दीपावली पर बाजार में होने वाले कारोबार से सरकार का खजाना टैक्स से भरेगा।

सर्राफा एसोसिएशन के अदिश कुमार जैन का कहना है कि महंगाई के बाद भी पिछले साल की तुलना में सोना व चांदी की अधिक बिक्री हुई है।
चौक सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अदीश कुमार जैन व लखनऊ व्यापार मंडल के महामंत्री प्रदीप कुमार अग्रवाल व चौक सर्राफा के महामंत्री विनोद महेश्वरी के अनुसार पिछले साल 52 किलो सोने की व 1000 किलो चांदी की बिक्री हुई थी, जबकि अदिश कुमार जैन के अनुसार इस बार 42 किलो सोना व 850 किलो चांदी की बिक्री हुई है।

इस तरह से 14 करोड 54 लाख का सोना व 850 किलों चांदी की बिक्री 14 करोड़ 54 लाख की देर रात तक हुई।
बर्तन बाजार में ताबे के बर्तनों की खूब रही मांग
लखनऊ। ताबे के बर्तन खूब रास आए धनतेरस पर बर्तन बाजार रात तक खुले रहे। यहियागंज, अमीनाबाद, गोमतीनगर, कपूरथला, महानगर, तेलीबाग, आशियाना, आलमबाग आदि प्रमुख बाजारों में जबरदस्त भीड़ रही। लोगों ने ताबे की बोतल, गिलास और विभिन्न बर्तनों के सेट खरीदे। इनमें ताबे के बने थर्मस की डिमाड रही। बर्तन बाजार के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल के मुताबिक करीब 100 करोड़ के कारोबार का अनुमान है।

उन्होंने बताया कि मैटेल मरचेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल बताते है कि अब ट्रेन्ड बदल रहा है। लोग खाना बनाने के लिए पीतल व तांबे के बर्तनों की अधिक मांग कर रहे हैं, इसलिए बाजारों में पीलत कुकर, कढ़ाई व तांबे के साथ ही खाना रखने के लिए ऐयर टाईट कन्टेंर की बढ़ी रेंज है। इसमें खाना खराब नही होगता है। हालाकि तांबे से लेकर पीतल आैर स्टील के बर्तनों के दामों में वृद्धि हुई है। हरिश चन्द्र अग्रवाल का कहना है कि कच्चे माल की कीमतों काफी वृद्धि हुई है। मजदूरी भी इस बीच बढ़ गयी है। तांबे के बर्तन में 150 रूपये प्रतिकिलों की तेजी आयी है। पीतल के बर्तन में ƒ 80 से 90 प्रतिकिलों व स्टील के बर्तनों ƒ 50 प्रतिकिलों के हिसाब से तेजी आयी है। स्टील के जोन बर्तन ƒ 200 से 400 की रेंज में थे।

अब 250 से लेकर 500 की रेंज के हो गए हैं। यहियागंज बाजार हो या फिर शहर के प्रमुख बाजारों- मॉल में स्थित प्रतिष्ठानों में सजे बर्तन व हो अपलाईसेंस ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि कि स्टील के बर्तन तो शगुन करने के लिए खरीदे जाएंगे ही, जर्मन सिल्वर व पीतल के बर्तनों जबरस्त मां को देखते हुए डिजाइनर बर्तनों की विशेष रेंज निकाली है। कारोबार में 20 फीसदी तक की वृद्धि के आसर है।
उधर सौ करोड़ का हुआ मोबाइल सेट का कारोबार होना बताया जा रहा है

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