लखनऊ। प्रदेश के लगभग नौ लाख आउटसोर्सिंग कर्मचारीयों के लिए आउटसोर्सिंग सेवा निगम बनाए जाने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री की घोषणा पर लगभग चार महीने बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से आउटसोर्सिंग निगम का गठन नहीं हुआ।
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्र ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग किया है कि आउटसोर्सिंग निगम के गठन में विलंब हो रहा है, इसलिए कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी का लाभ देने के लिए अति शीघ्र वेतन निर्धारण किया जाए और शासनादेश जारी हो।
इसके साथ ही आउटसोर्सिंग कर्मचारी जो कि पिछले पांच या दस वर्षों से कार्य कर रहे हैं। उनको विभाग में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए। सरकार को तत्काल सभी संवर्ग के पदों का वेतन निर्धारण कर वेतन बढ़ोतरी का लाभ देना चाहिए।
इसके अलावा वर्ष 2005 से पहले के सभी अस्थाई संविदा कर्मचारियों को समायोजित किया जा चुका है और समायोजन की प्रक्रिया 2005 के बाद क्यों नहीं बढ़ाई जा रही है। आउटसोर्स सेवा निगम में कर्मचारियों के लिए कोई लाभ की व्यवस्था नहीं की जा रही है । जब तक सेवा प्रदाता फर्म रहेगा तब तक कर्मचारियों का उत्पीड़न और शोषण होता रहेगा और पुराने कर्मचारी हटाकर नए कर्मचारियों की भर्ती होती रहेगी।
आउटसोर्स कर्मचारी इनका समायोजन करें कई अन्य प्रदेशों में कर्मचारियों को समान कार्य का समान वेतन दिया जा रहा है और साथ ही दिल्ली और उत्तराखंड जैसे राज्य में कर्मचारियों को समायोजित भी किया जा चुका है तथा आउटसोर्सिंग व्यवस्था बंद हो चुकी है। जल्द ही संविदा कर्मचारी संघ द्वारा सभी सांसद और विधायकों को आउटसोर्स कर्मियों के समायोजन के संबंध में ज्ञापन भी दिया जाएगा।