सुंदरकांड पाठ में गूँजा श्रीराम का नाम
भक्ति भाव से ओतप्रोत त्रिलोचनेश्वर मंदिर का नवसंस्कार
लखनऊ। निशातगंज की छठी गली में स्थित 65 वर्ष प्राचीन श्री त्रिलोचनेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार पूर्ण श्रद्धा, आस्था और भक्ति भाव से सम्पन्न हुआ। यह पुण्य कार्य दिवंगत अनन्मय दीक्षित की पुण्य स्मृति में उनके परिजनों द्वारा कराया गया, जिनका विगत वर्ष मात्र 22 वर्ष की आयु में हिमाचल प्रदेश में एक दुर्घटना में देहांत हो गया था। मंदिर के पुनर्निर्माण हेतु वास्तु नियम, धार्मिक अनुशासन, तथा संस्कार विधियों का पूर्णतः पालन किया गया।
शिवलिंग, ध्यानस्थ महादेव, नंदी, गणेश, एवं माँ दुर्गा की पंचमूर्ति की स्थापना राजस्थान के किशनगढ़ से लाकर विधिपूर्वक की गई। मूर्ति स्थापना के लिए सिद्ध ब्राह्मणों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा, कलश यात्रा, मंत्रोच्चार, एवं शुद्धिकरण यज्ञ जैसे वैदिक अनुष्ठान सम्पन्न किए गए। इस पावन कार्य में नगर के अनेक श्रद्धालुओं, भक्तों एवं धर्मनिष्ठ जनों ने सहभागिता की।
इस धार्मिक अनुष्ठान के उपलक्ष्य में श्री माँ आनंदमयी परिवार, रायबरेली से पधारे मानस बंधु,अनिल अग्रवाल, मनोज मिश्रा, गौरव शुक्ला, अनूप अवस्थी, एवं जितेंद्र जी द्वारा एक भव्य सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। रामभक्त हनुमान की महिमा से परिपूर्ण इस पाठ में संकटमोचन स्तुति, चौपाई, दोहा, और आरती के साथ पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
सैकड़ों की संख्या में उपस्थित भक्तजनों ने भजन, कीर्तन, आरती, तथा दर्शन-पूजन में भाग लेकर अपने सद्गुणों को जागृत किया। राम नाम संकीर्तन के बीच शंखध्वनि, घंटा नाद, और धूप-अगरबत्ती की सुगंध से पूरा मंदिर परिसर धर्ममय हो गया।
इस आयोजन में दिवंगत अनन्मय दीक्षित के पिता श्री, माता जी, तथा मुख्य यजमान पीयूष श्रीवास्तव, अनिल अवस्थी, एवं अखिल अवस्थी सहित नगर के अन्य धर्मपरायण नागरिक, संतजन, एवं धर्म सेवक उपस्थित रहे।
अन्नदान, प्रसाद वितरण, आरती महोत्सव, विशेष अभिषेक, तथा संगीतमय भजन संध्या जैसे विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर आशीर्वाद प्राप्त किया और भक्ति भाव से श्री त्रिलोचनेश्वर महादेव का जलाभिषेक, दूधाभिषेक, और रुद्राभिषेक किया।
इस समूचे आयोजन में संयम, सत्संग, सेवा, और संपूर्ण श्रद्धा के भाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।