लखनऊ । स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादला प्रक्रिया पर अभी तक प्रश्न चिह्न लग रहा है। लापवाही का उदाहरण देते हुए एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग ने एक मृत डॉक्टर का स्थानान्तरण निरस्त कर दिया है, जिस डाक्टर का तबादला निरस्त हुआ है,बताया जा रहा है उनकी मौत 26 जुलाई को हो चुकी है। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी है।
बताया जा रहा है कि स्थानान्तरण का आदेश सुनने के बाद से ही डॉक्टर टेंशन में आ गये थे,जब उन्हें रिलीव किया जा रहा था,तभी हार्ट अटैक के बाद उनकी मौत हो गयी थी,इसकी चर्चा स्वास्थ्य विभाग से लेकर सोशल मीडिया पर भी बहुच चली थी। आज उन्हीं डाक्टर का तबादला भी निरस्त कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डॉ.रजनीश मोहन गुप्ता का तबादला बृहस्पतिवार को निरस्त हुआ है,इससे पहले उनका तबादला खीरी से शाहजहांपुर कर दिया गया था। ऐसे में विभाग के लोग सवाल उठा रहे हैं कि इससे पहले तबादला प्रक्रिया में जमकर खामिंया रही है। जिसके बाद मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री तक ने तबादला प्रक्रिया को गंभीरता से लिया था।
डाक्टरों के तबादलों में गड़बड़ियों की बात की जा रही थी ,उस दौरान भी मृत डाक्टर का तबादला कर दिया गया था,कुछ चिकित्सकों का दो-दो जगह तबादला हो गया था। शासन ने सीएमओ व अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों पर तबादला प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की बात कही थी। उसके बाद से लग रहा था कि अब स्वास्थ्य विभाग में सही काम करेंगा। पहले हुई गड़बड़ियों को ठीक करते हुये 48,उसके बाद बीते बुधवार को 37 व आज करीब 27 चिकित्सकों को तबादले निरस्त किये गये हैं। बताया जा रहा है कि जिन चिकित्सकों के स्थानान्तरण गलत हुये थे,उन्हीं के स्थानान्तरण निरस्त हो रहे हैं। ऐसे में जब अब पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर हो रहा है,तो भी मृत चिकित्सक का स्थानान्तरण निरस्त करने में किसकी चूक की है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस गड़बड़ी पर मौन साधे हुए है।











