यूनानी चिकित्सा पर शोध व बढ़ावा देने की आवश्यकता

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  • लखनऊ। आधुनिक जरूरतों के अनुसार यूनानी चिकित्सा को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए। यूनानी चिकित्सा को विश्व द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। यूनानी चिकित्सा के सिद्धांतों पर आधारित है, चाहे वह चिकित्सा की बात हो या शल्य चिकित्सा की। एक मंच पर एक साथ आने का प्रयास कर रहा है। अभी तक यूनानी औषधि वैश्विक स्तर पर जनता के लिए उपयोगी सिद्ध हुई है। यह बात इंटरनेशनल यूनानी फोरम के कार्यक्रम में विशेषज्ञ डाक्टरों ने एक मत से कही।
    अब तक कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, बहरीन, मस्कत , श्रीलंका, ईरान इंटरनेशनल यूनानी फोरम के प्रमुख व पूर्व अध्यक्ष एवं सदस्य आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति बोर्ड डॉ अनवर सईद ने कहा कि यूनानी के प्रचार और स्थिरता के लिए सभी यूनानी शिक्षकों, विशेषज्ञों को एक साथ लाना और यूनानी मांग को बढ़ावा देने के लिए सभी की क्षमता का उपयोग करना है। एडवाइजर यूनानी बोर्ड डॉक्टर कमरुज्जमा कुरेशी ने अध्यक्षता ने किया। वक्ताओं में डॉ. ओबैदुल्लाह बेग (चेन्नई), डॉ. प्रो. मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी (जामिया हमदर्द ) दिल्ली, डॉ. मुहम्मद शाहिद मलिक (अलीगढ़) विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यक्रम में यूनानी स्कॉलर्स एसोसिएशन, नेशनल यूनानी डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन, ऑल इंडिया डॉक्टर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया यूनानी मेडिकल कांग्रेस रिसेप्शन कमेटी शामिल हैं।
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