लखनऊ । संजय गांधी पीजीआई की स्टाफ नर्स एसोसिएशन ने 2 मई को विरोध प्रर्दशन करते हुए कार्य बहिष्कार की चेतावनी दे दी है। उनका आरोप है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में दिन रात एक किए जाने के बावजूद उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्हें ना तो क्वारंटाइन में रहने की सही व्यवस्था है और ना ही अन्य व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है। इससे उनका मनोबल टूटने के साथ ही नर्सिंग स्टाफ संक्रमण की चपेट में भी आ रहा है। अगर उनकी मांगों पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया, आंदोलन शुरू किया जाएगा।
संस्थान प्रशासन की दिए गए पत्र में अध्यक्ष सीमा शुक्ला और मंत्री सुजान सिंह ने कहा है कि कर्मचारियों के लिए आरसीएच वन में 3बी को सुरक्षित किया जाए। जी ब्लॉक के ए और बी को दूसरे बीमारियों के लिए कर्मचारियों के लिए आरक्षित किया जाए । कोरोना ड्यूटी के दौरान किसी भी कर्मचारी के मृत्यु की दशा में उसे उचित मुआवजा राशि प्रदान की जाए। अभी हाल में ही आउट सोर्स की नर्स पूजा की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई।
हम सभी कठिन स्थिति में ड्यूटी कर रहे पिछले एक महीने से इतनी गर्मी में पीजी होस्टल में
नौवीं दसवीं मंजिल मे रहकर वो भी एक कमरे में रहकर दो से तीन लोग गुजारा कर रहे हैं और आये दिन सभी संक्रमित हो रहे हैं । 300 से अधिक स्टाफ संक्रमित हो चुकी है। इसके बाद भी इतने कम स्टाफ पर काम जबरन लिया जा रहा है। संस्थान में नर्स को आउटसोर्स किया गया है । उनका शोषण सोलह हजार रुपए में हो रहा है ।
आउट सोर्स नर्सिंग की साधना मलखान सिंह विमल , आउट सोर्स कर्मचारी नेता सोनू शुक्ला
ने कहा कि यदि हम लोगों का मानदेय नहीं बढ़ाया जाता है तो हम लोग भी इस मुद्दे पर कार्य बहिष्कार करेंगे। हम लोग एनएसए के साथ खड़े हैं । नर्सिंग एसोसिएशन के कार्य बहिष्कार में हम लोग भी भागीदारी करेंगे।
सीमा शुक्ला ने कहा कि स्थाई वर्कर का भी शोषण हो रहा है। 40 मरीज पर दो स्टाफ से मरीजों का काम भी ढंग से नहीं हो पाता है। अगर हमारी मांगे पूरी ना हुई तो 2 मई को विरोध होगा। इमेरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य संपूर्ण कार्य बहिष्कार होगा।