लखनऊ। राजधानी में बुधवार को स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार कुल 3759 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। यह संक्रमण पिछले 10 दिनों में मिले संक्रमित मरीजों के आंकड़ों से काफी कम है। इसके अलावा राजधानी में 6214 मरीज आज कोरोना संक्रमण से ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए। संक्रमण से ठीक होने वाले में कोविड-19 हॉस्पिटल और होम आइसोलेशन में रहकर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या शामिल है। स्वास्थ विभाग अधिकारियों का मानना है कि राजधानी में संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यह अलग बात है कि अभी गंभीर मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। जबकि आज कोरोना संक्रमण से कुल 13 मरीजों की विभिन्न कोविड-19 मौत हो गई। डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा दिक्कत उन मरीजों को हुई जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें कोरोना संक्रमण भी हो गया। ऐसे में उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ी और उनका ऑक्सीजन लेबल भी कम होता गया। डॉक्टरों का मानना है कि काफी संख्या में मरीजों का आरटी पीसीआर नेगेटिव आया लेकिन बुखार आने पर उनका ऑक्सीजन लेवल कम होता गया। सीटी थोरेक्स की जांच कराने पर उनके फेफड़ों में काफी संक्रमण पाया गया। यह कोविड-19 निमोनिया कहा जा रहा है। बुखार के साथ मरीजों में खांसी ना कम होना और सीने में जकड़न की शिकायत होने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लेकर के जांच करानी चाहिए। लेकिन ज्यादातर मरीज खुद ही घर पर दवा लेते रहते हैं और विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श नहीं लेते हैं जिसके कारण देर हो जाती है। राजधानी में अभी संक्रमण आवासीय कालोनियों में कम नहीं हो रहा है। इंदिरा नगर, गोमती नगर, आशियाना ,कानपुर रोड सहित तेलीबाग क्षेत्र में छोटी-छोटी आवासीय कालोनियों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। स्वास्थ विभाग अधिकारियों का मानना है कि आईसीयू में भर्ती हुए काफी संख्या में कोरोना के मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो रहे हैं। अगर देखा जाए तो वेंटिलेटर पर संक्रमण के कारण भर्ती हुए मरीजों में भी मरीज ठीक हुए हैं लेकिन इनके ठीक होने की रफ्तार काफी धीमी होती है। अगर देखा जाए तो राजधानी में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में अपना इलाज करा रहे हैं। मैं काफी संख्या में ठीक भी हो रहे हैं और बहुत से लोग घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से लेते हुए अपना स्थानीय डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं। इन मरीजों का कहना है कि शुरुआत में तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में बिस्तर मिला नहीं और घर पर ही इलाज कराने पर हालत में सुधार हुआ। उनका मानना है कि बुजुर्गों को अस्पताल की बजाय घर में ही कंफर्ट जोन महसूस होता है। इसलिए वह लोग ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर ही अस्पताल जाना चाहते हैं। पिछले दिनों की अपेक्षा राजधानी में मौत का आंकड़ा भी ऊपर नीचे हो रहा है। आज विभिन्न कोविड-19 हॉस्पिटलों में 13 मरीजों की मौत हो गई। इनमें दुबग्गा स्थित पैरामेडिकल कॉलेज के कार्डियक विशेषज्ञ डॉक्टर फजल करीम की मौत भी कोरोना संक्रमण से हो गई। बताया जाता है यह शंकर मरीजों का इलाज कर रहे थे इस दौरान संक्रमण की चपेट में आने पर उनका इलाज चल रहा था। इसके अलावा बलरामपुर अस्पताल के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ डी पी मिश्रा की पत्नी का देहांत भी कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान हो गया।