NEWS – एसजीपीजीआई में पीडी अकाउंट से हेराफेरी करके करीब 5500000 रुपए की गरीबों के हिस्से की दवा खाने वालों को सजा दिलाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। एक तरफ पीडी अकाउंट से दोबारा हेराफेरी ना होने पाए इसके लिए नई नई तरकीब निकाली जा रही है तो दूसरी तरफ संदिग्ध पाए गए 18 लोगों को संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। कई कर्मचारियों के पटल भी बदल दिए गए हैं। घटना के मास्टरमाइंड को औषधि काउंटर से हटाकर दूसरी जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
ओटीपी बताने पर मिलेगी दवा
एसजीपीजीआई में दवा घोटाला सामने आने के बाद पोस्ट डिपॉजिट (पीडी) अकाउंट में कई बदलाव किए जा रहे हैं। बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने के साथ ही पीडी खाता धारक मरीज को फोटोयुक्त पहचानपत्र और वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) सिस्टम भी लागू करने की तैयारी है। अब ओटीपी मिलने के बाद ही दवाएं दी जाएंगी। इसी तरह पोस्ट डिपॉजिट (पीडी) खाता धारक मरीज को फोटोयुक्त पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इसी तरह सॉफ्टवेयर में बदलाव करने की तैयारी है।
संस्थान से निकाले गए कर्मचारियों ने उठाया सवाल
नियमित कर्मचारियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने से एसजीपीजीआई प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। एसजीपीजीआई प्रशासन आठ संविदाकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद 18 को संस्थान से बाहर कर चुका है। संविदाकर्मियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान पूरे खेल में शामिल कई लोगों के नाम भी सामने आ चुके हैं। इसके बाद भी संबंधित के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। इन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है। एसजीपीजीआई प्रशासन ने पुलिस को भी बताया है कि जिन 8 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई है उनके अलावा 10 अतिरिक्त लोग भी शामिल हैं। अब पुलिस उन 10 लोगों का नाम भी दवा घोटाले में शामिल लोगों की सूची में शामिल कर लिया है।
निदेशक बोले होगा न्याय
मामले की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस भी प्रकरण में जांच कर रही है। पीडी अकाउंट में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी किसी को भी छोड़ा नहीं। जिन गरीबों के खाते से रुपए निकाले गए हैं उनके साथ न्याय होगा।
– प्रो. आरके धीमान, निदेशक एसजीपीजीआई