लखनऊ। कोरोना संक्रमण के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। संक्रमण की जांच कराने के अलावा अस्पताल में इलाज के दौरान भी लापरवाही का आरोप लग रहा है। इलाज में लापरवाही का वीडियो बनाने पर मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज ने पूरे मामले की शिकायत से मुख्यमंत्री , स्वास्थ्य मंत्री कथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक से की है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि मामले में शिकायत पर अस्पताल से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
कोरोना संक्रमित मरीज राधेश्याम दीक्षित का आरोप है कि एक पॉजीटिव के संपर्क में आने के बाद उन्होंने तीन अगस्त को कंट्रोल रूप में सूचना दिए, लेकिन उनकी कोई सुनवाई तो दूर कोरोना की जांच तक नहीं कराई गई। आठ अगस्त को लोहिया संस्थान में काफी कहासुनी के बाद किसी तरह जांच कराई गई। इसके बाद कंट्रोल रूम से फोन कर हालचाल पूछा गया, लेकिन न तो संक्रमण के इलाज की दवा दी गई और न ही सेनेटाइजेशन कराया गया। इस दौरान 19 को गुडंबा सीएचसी में दोबारा जांच कराई गई, तो फिर रिपोर्ट पॉजीटवि आई। इस रिपोर्ट के बाद उन्हें अमौसी स्थिति निजी हास्पिटल भेजा गया। वहां भी इलाज के दौरान कई तरह की लापरवाही मिली। लगातार हो रही लापरवाही का विरोध करने पर दूसरे दिन वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, सीएमओ सहित अन्य अधिकारियों से की है। इस संबंध में सीएमओ का कहना है कि मामले में हास्पिटल से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद उनके आरोपों की जांच कराई जाएगी ।