लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के इंटर्न्स ने शान्तिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला कर प्रदर्शन किया । उनकी प्रदेश सरकार से माँग की कि उनका स्टाइपेंड (मानदेय )बढ़ा कर केंद्रीय संस्थानों के समान किया जाए।पिछले 3-4 महीनों से लगातार हम लोग अपनी बात सरकार तथा प्रशासन तक पहुँचा रहे हैं और इस सिलसिले में हम लोग डीजीएमई चिकित्सा शिक्षा , 15 जुलाई को मंत्री चिकित्सा शिक्षा सुरेश खन्ना एवं अन्य मंत्रियों से भी मिले। परंतु कहीं से कोई आश्वासन नही मिला है जिसके उपरांत ये कदम उठाया गया। यदि हमारे मांगे नही पूर्ण हुईं तो हम आगे कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे।
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के इंटर्न चिकित्सको को मात्र 7500 प्रतिमाह मानदेय मिलता है ,जो कि अन्य राज्यो तथा केंद्रीय संस्थानों में मिलने वाले मानदेय से बहुत कम है। असम में यही मानदेय 31500, कर्नाटक में 30000, पश्चिम बंगाल में 28050 रु तथा केंद्रीय संस्थानों में 23500 रु प्रतिमाह है।
उत्तर प्रदेश के इंटर्न चिकित्सको के मानदेय में पिछले 10 साल से कोई बढ़ोतरी नही हुई जिसके लिए पिछले कई साल से प्रयास कर रहे है।कोरोना महामारी के समय समस्त इंटर्न चिकित्सक संक्रमण की परवाह किये बिना अपनी सेवाएं दे रहे थे और अपना मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे है।