लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिंब सेंटर को कोविड-19 हॉस्पिटल बनाने की कवायद शुरू कर दी गयी है। इसके पहले चरण में सेंटर में संचालित पांच विभागों को शिफ्ट करने का आदेश बृहस्पतिवार को जारी कर दिया गया है, दूसरी तरफ केजीएमयू के जिम्मेदारी अधिकारियों का कहना है कि अभी शासन ने लिंब सेंटर को कोविड -19 हास्पिटल बनाने की हरी झंडी नहीं दी है। दूसरी कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने रक्षा मंत्री व सांसद राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री को चिकित्सा शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। इसमें दिव्यांग व हड्डी के मरीजों के हित के लिए लिंब सेंटर की जगह कहीं और कोविड हॉस्पिटल बनाने की मांग की है।
लिंब सेंटर में हड्डी, पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक्स, गठिया, स्पोर्टस इंजरी व पीएमआर विभाग चल रहे हैं। यह भवन केजीएमयू परिसर से दूर है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसे कोविड-19 का लेवल-3 हॉस्पिटल बनाने का फैसला हुआ है। चिकित्सा अधीक्षक की तरफ से विभाग व उनके कार्यालयों को शताब्दी भवन में शिफ्ट करने का आदेश जारी किया गया है।
लिंब सेंटर में कोविड -19 हॉस्पिटल बनाए जाने का विरोध तेज हो गया है। कर्मचारी शिक्षक मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने कहा कि लिंब सेंटर भवन में कोविड-19 हास्पिटल बनाये जाने से द्विव्यांग मरीजों को खासी दिक्कत होगी। कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण का निर्माण प्रभावित होगा। उन्होंने ट्रॉमा सेंटर या नये बने रैन बसेरा को कोविड हॉस्पिटल बनाने का सुझाव दिया। मोर्चा के उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि पीएमआर विभाग में जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों का समुचित इलाज मुहैया करा रहा है। वहीं चोट लगे मरीजों का इलाज हो रहा है।
केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर सिंह का कहना है कि लिंब सेंटर एकांत में हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज मुहैया कराया जाएगा। कमेटी ने भवन के मानकों को देखा है। मरीजों की बेहतरी के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
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