लखनऊ। राजधानी ही नहीं पूरे प्रदेश में डॉक्टरों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों समेत अन्य संवर्ग के स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग से कई अधिकारी और कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर शहरी एवं नगरीय निकाय विकास विभाग, मंडी परिषद में काम कर रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों टीकाकरण आदि के संचालन में परेशानी आ रही है। इसके लिए परिवार कल्याण विभाग के आला अफसरों द्वारा शासन में पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति से वापस बुलवा लिया जाए।
परिवार कल्याण विभाग की तत्कालीन महानिदेशक ने सभी मंडलीय अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व शासन स्तर के अफसरों को पत्र भेजकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी संवर्ग के कई अधिकारी विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के नौ से अधिक पद स्वीकृत हैं, जिसके सापेक्ष पांच सौ से अधिक कार्यरत हैं, जो कि प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर एक नगरीय हेल्थ पोस्ट स्वीकृत है। ऐसे ही साढ़े तीन सौ से अधिक पद खाली है। उसमें भी कई प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं।
ऐसे अधिकारियों की सूची बनाकर उनकी प्रतिनियुक्ति निरस्त करते हुए संबंधित विभाग में वापस बुला लें। इसमें कोई शिथिलता न बरती जाए। यही नहीं नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी संघ की ओर से भी मांग की गई है कि दूसरे विभागों जैसे स्वास्थ्य, ग्राम विकास समेत कई विभागों से कम योग्यता, वेतनमान व अप्रशिक्षित लोग नगरीय विकास विभाग में प्रशासनिक अफसर तक बने हैं। इन्हें हटाया जाए। इनकी जगह पर विभाग के लोगों को ही प्रोन्नति दी जाए।
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