लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की लारी कार्डियोलॉजी में फरवरी से हार्ट की सर्जरी पर थोड़ा सा बोझ बढ़ा दिये जाने की तैयारी है। सर्जरी का सामान लाने के साथ ही डॉक्टरों के साथ पूरी टीम का एप्रेन, मास्क लाना होगा। अगर देखा जाए तो कार्डियक मरीज के सामान के बिल में डेढ़ से दो हजार रुपये तक इजाफा हो सकता है। अभी तक केजीएमयू के द्वारा खरीदा गया एप्रेन ही पहना जाता था।
बताते चले कि लॉरी कार्डियोलॉजी में एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी करने तथा पेसमेकर लगाने में तत्काल दवाओं आदि पर मरीज 80 हजार से एक लाख रुपये तक खर्च आ जाता है। विभाग में प्रतिदिन चालीस से पचास महत्वपूर्ण सर्जरी होती है। इसके साथ ही अन्य लोकल सर्जरी भी की जाती है। सभी सर्जरी के वक्त सर्जरी करने वाली टीम नया एप्रेन पहनती हैं। इसके बाद एप्रेन को नष्ट कर दिया जाता है, ताकि संक्रमण न फैले। नियमानुसार एप्रेन खरीदने की जिम्मेदारी केजीएमयू प्रशासन पर थी।
आंकड़ों के अनुसार कार्डियोलॉजी विभाग में एप्रेन खरीद पर लगभग 64 लाख रुपये खर्च आता है। जिम्मेदारी अधिकारियों का कहना है कि केजीएमयू पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। सर्जरी की टीम के लिए एप्रेन मरीज अन्य सामान के साथ ही लेकर आएगा। अगर सूत्रों की मानें तो पहले से अब एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी में काफी कम खर्च हो गया है। एप्रेन का खर्च कोई ज्यादा नही है। इसलिए मरीज इसका खर्च आसानी उठा सकेगा। सामान्य मरीजों के अलावा आयुष्मान, बीपीएल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विपन्न समेत दूसरी योजना के तहत भर्ती मरीजों को लॉरी कार्डियोलॉजी में एप्रेन खरीद कर नहीं लाना होगा। उसे मुफ्त गाउन देगा।केजीएमयू के लॉरी कार्डियोलॉजी विभाग के प्रवक्ता डा. अक्षय प्रधान का तर्क है कि एप्रेन खत्म हो गए हैं। एक सर्जरी में लगभग तीन से चार एप्रेन लग जाते है। मरीज से ऑपरेशन टीम के लिए एप्रेन मंगाया जाएगा।
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