विशेषज्ञ से जांच कराये, पाइल्स नही हो सकता है कैंसर

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लखनऊ। अल्सरेटिव कोलाइटिस या रेक्टल कैंसर होने पर शुरूआती लक्षण भी पाइल्स के लक्षणों से जैसे ही होते है, परन्तु मरीज झांक -फूंक तथा नीम हकीम के चक्कर में पड़ कर पाइल्स का इलाज कराता है, जो कि ठीक न होने आैर जटिल हो जाता है। अगर शुरुआती दौर में विशेषज्ञ से जांच करायी जाए तो पाइल्स है या कैंसर की शुरूआत है। इसका पता चल जाता है, जबकि पाइल्स 80 प्रतिशत बिना सर्जरी के ठीक हो जाता है। शल्य चिकित्सा विभाग के आचार्य डॉ. अरशद अहमद ने सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।

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डा. अरशद ने बताया कि पाइल्स एक साधारण रोग है और अममून 50 प्रतिशत लोगों को जीवनकाल में इस बीमारी से पीड़ित होने के सम्भावना रहती है, इसका सही समय पर सटीक इलाज किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पाइल्स शरीर का नार्मल अंग है, जो कॉटिनेन्स की प्राकृतिक प्रक्रिया में अपना योगदान देता है। यह गुदा द्वार पर वैस्कुलर कुशन के रूप में होता है। कभी-कभी इसमें खून का अधिक भराव या अपने स्थान से नीचे खिसकने के कारण मरीज में लक्षण आते है। पाइल्स के मुख्य लक्षण खून आना, गुदा द्वार पर सूजन होना और दर्द होना है। आमतौर से यह लक्षण स्वतः ही ठीक हो जाते है या कभी-कभी इसके इलाज की जरूरत पड़ती है। 80 प्रतिशत तक मरीजों में बिना आपरेशन के सफल इलाज हो जाता है।

डॉ. अहमद ने बताया कि कभी-कभी यह लक्षण बढ़ जाते है और गम्भीर परेशानियां हो सकती है जैसे कि एनीमिया , थराम्बोस्ड हेमेरॉड (बवासीर में खून के थक्के का जमना) ऐसी स्थिति में मरीज को तुरन्त भर्ती करके जटिल इलाज की जरूरत पड़ती है, लेकिन आमतौर से लोग इस बीमारी के लिये विशेषज्ञ को दिखाने के बजाय देशी इलाज नीम-हकीम, झांड़फूक इत्यादि के चक्कर में पड़ जाते है। कभी- कभी मरीज को अन्य गम्भीर बीमारियों जैसे कि अल्सरेटिव कोलाइटिस या रेक्टल कैंसर होने पर शुरूआती लक्षण ऐसे होते है, जैसे बवासीर में होते है, किन्तु यदि मरीज बिना योग्य चिकित्सक से परीक्षण कराये पाइल्स समझकर इसका इलाज करवाता है और सही इलाज मुश्किल हो जाता है। डॉ. अहमद ने कहा कि सर्जरी विभाग द्वारा पहल करके पाइल्स जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उददेश्य यह है कि पाइल्स की समस्या से बचा जा सके और लक्षण आने पर बजाय देशी इलाज या इंटरनेट से इलाज करने से किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श किया जाय। इसमें पाइल्स, इससे बचाव एवं इलाज के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकता है।

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