लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में रेडियोथेरेपी विभाग का मरीज की बेटी तीमारदार से छेड़छाड़ की घटना में निलम्बित किया गये रेजीडेंट डाक्टर के बचाव में भी केजीएमयू के वरिष्ठ डाक्टर पैरवी करने लगे है, जबकि निलम्बित रेजीडेंट डाक्टर पर कार्रवाई के बाद अब उसकी हरकतों पर की गयी शिकायतों का खुलासा होने लगा है, शिकायतों की माने तो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायत विभागा प्रमुखों तक ने किया, लेकिन सभी शिकायत को ऊंची पहुंच के आगे दबा दिया गया, जिसके कारण उसके मनोबल बढ़ा आैर मरीज की लड़की को छेड़ दिया। हालांकि तीमारदार से छेड़छाड़ की घटना के बाद केजीएमयू प्रशासन ने जांच कमेटी बना कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है।
रेजीडेंट डाक्टर की शिकायतों को देखा जाए तो दो वर्ष पहले नशे की हालत में हेमेटालॉजी विभाग के वार्ड में जाकर महिला मरीज की जानकारी लेने लगा था। यही नहीं खुद को जूनियर रेजीडेंट थर्ड बताकर धमकाने की भी लगा था, जबकि जूनियर रेजीडेंट प्रथम डा. विजय था। हेमेटोलॉजी विभाग के तत्कालीन प्रमुख डा. एके त्रिपाठी ने रेडियोथरेपी विभाग के प्रमुख को शिकायत पत्र लिखा था। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न करते हुए रेजीडेंट डाक्टर को अभयदान दे दिया गया। इसके बाद रेजीडेंट डाक्टर का मनोबल बढ़ गया आैर रेजीडेंट डाक्टर ने बुद्धा छात्रावास में रेजीडेंट डाक्टर की पत्नी को छेड़ने का आरोप लगा था। इस पर कोई कार्रवाई न करने पर रेजीडेंट डाक्टर ने मरीज की बेटी तीमारदार को छेड़ने पहुंच गया।
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