लखनऊ। रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल से निपटने के लिए रविवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बैठक हुई। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस एन शंखवार ने निर्देश दिया है कि सभी वरिष्ठ डाक्टर ओपीडी में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा वार्डो में मरीजों के इलाज में ही कोई कमी नही होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि रेजीडेंट डाक्टरों से वार्ता करके सर्जरी ओटी चलाने की कोशिश की जा रही है। अगर नहीं माने तो विभागों की ओटी प्रभावित होगी। उधर लोहिया संस्थान के निदेशक डा. ए के त्रिपाठी ने आज शाम को आठ बजे रेजीडेंट डाक्टरों के साथ बैठक की। उनका दावा है कि रेजीडेंट डाक्टर ओपीडी में नहीं रहेंगे। इसके अलावा इमरजेंसी, आईसीयू व सर्जरी में मदद करेंगे। उधर पीजीआई रेजीडेंट डाक्टरों ने कल ही निदेशक को ज्ञापन देकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी थी। फिर भी पीजीआई प्रशासन ने सभी विभागों के डाक्टरों को अलर्ट करके ड¬ूटी पर रहने का निर्देश दिया है।
उधर निजी अस्पतालों की बंदी और रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को हड़ताल के चलते मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नरेन्द्र अग्रवाल ने सभी अस्पतालों को अर्लट रहने के निर्देश दिये हैं। सीएमओ ने ने सभी अस्पतालों के लिए अलर्ट जारी करते हुए सतर्क रहने के लिए पत्र लिखा है। गंभीर मरीजों के लिए लोहिया अस्पताल, बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु अस्पताल, भाऊराव देवरस, डफरिन, झलकारीबाई अस्पताल को ओपीडी व इमरजेंसी सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अतिरिक्त बिस्तरों को भी तैयार रखने के लिए कहा है। उनका दावा है कि क्लीनिकों की बंदी से निपटने के लिए शहर में खुली 52 अर्बन पीएचसीए 11 सीएचसी व आठ बीएमससी में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का दावा किया है।
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