लखनऊ । फैजुल्लागंज की एक महिला ने सीतापुर रोड स्थित पुरनिया के निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर किडनी चोरी का आरोप लगाया। उसका कहना है कि उसकी डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था, जहां सीजेरियन से शिशु को जन्म दिया लेकिन इसी बीच डॉक्टरों ने उसकी एक किडनी निकाल ली। इस बात की जानकारी महिला को नसबंदी के दौरान जांच में पता चला। जब वह शिकायत लेकर निजी अस्पताल पहुंची तो संचालकों ने उसे जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। सीएमओ कार्यालय पहुंची महिला ने आत्मदाह की धमकी दे दी है। इस पर परेशान सीएमओ ने मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है।
फैजुल्लागंज के कृष्णलोक कॉलोनी की प्रीती शुक्ला का कहना है कि छह मार्च 2006 को गर्भवती होने पर वह पुरनिया के बंधा रोड स्थित एक निजी अस्पताल गई। आरोप है कि यहां डॉक्टरों ने उसे ऑपरेशन से प्रसव के लिए भर्ती कर लिया। आरोप है कि शिशु के जन्म के बाद दो दिन तक उसे होश नहीं आया। करीब 10 दिन भर्ती रखने के बाद तीमारदारों के गुस्सा करने पर डाक्टरों ने डिस्चार्ज किया। नसबंदी के दौरान पता चला महिला का कहना है कि ऑपरेशन के छह माह बाद उसे दर्द होने लगा। तब अल्ट्रासाउंड करवाने पर पता चला कि उसकी एक किडनी नहीं है। फिर उसने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीनमेरी अस्पताल के डॉक्टरों को दिखाया, जहां अल्ट्रासाउंड करवाया तो किडनी न होने की पुष्टि की। साथ ही नसबंदी की नस भी कटी होने की बात कही।
आरोप है शिकायत करने पर निजी अस्पताल संचालक उसे धमकी देने लगा। पीड़िता का आरोप है कि उसने मुख्यमंत्री, डीएम, एसएसपी, महिला आयोग कार्यालय में शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सीएमओ डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि इस मामले की शिकायत पर एसीएमओ डा. डीके बाजपेई के नेतृत्व में जांच कमेटी बना दी गई है। टीम ने बलरामपुर अस्पताल के यूरो सर्जन, सिविल अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट भी शामिल हैं। कमेटी को जांच करके एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपनी है।
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