इलाज का था इंतजार,ओपीडी में मरीज की मौत

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लखनऊ। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में संवेदनहीन डाक्टरों की उदासीनता से एक मरीज की जिंदगी इलाज के इंतजार में थम गईं। परिजन मरीज को दो दिन से लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी और ओपीडी में लेकर इलाज के भटकर रहे थे। तीमारदारों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती नहीं किया अौर ओपीडी में इलाज कराने भेज दिया। ओपीडी में लाइन लगे मरीज का नम्बर जब तक आता, उससे पहले ही उसके सांसों ने उसका साथ छोड़ दिया। बुधवार दोपहर को मरीज की मौत होने से आक्रोशित तीमारदारों ने अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया।

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उनका आरोप था कि मौजूद ईएमओ ने मंगलवार की दोपहर में मरीज को भर्ती कर लेते, तो शायद उसकी जिंदगी बच जाती। परिजनों के हंगामे से घबराकर इमरजेंसी से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ काम छोड़कर भाग गये। पुलिस के पहुंचने के बाद भी एक घंटे इमरजेंसी में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी।

लोहिया अस्पताल में बुधवार दोपहर में इन्दिरा नगर तकरोही निवासी जान मोहम्मद (60) के पेट में गैस व अन्य समस्या से बेहाल थे। परिजन उन्हें मंगलवार दोहपर को अस्पाल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे थे। परिजनो का आरोप है कि यहां डॉक्टरों ने तत्कालिक दवा देकर घर भेज दिया और बुधवार को ओपीडी में डाक्टर को दिखाने की सलाह दी। पजिरनों की फरियाद के बाद भी मरीज को भर्ती नहीं किया। मरीज जान मोहम्मद ने घर पर दवा ली लेकिन बुधवार सुबह फिर तबियत बिगड़ने लगी। परिजन बुधवार सुबह लोहिया अस्पताल की ओपीडी लेकर पहुंचे। यहां पर ओपीडी पर्चा बनवाकर डॉक्टर के कमरे के बाहर लाइन में काफी देर खड़े रहे, उनका नंबर नहीं आया।

अचानक मरीज की ओपीडी में ही तबियत बिगड़ने लगी तो घबराये परिजन उन्हें लेकर इमरजेंसी भागे। इमरजेंसी में पहुंचते आैर इलाज शुरु होता। इससे पहले ही मरीज ने दम तोड़ दिया। इससे आक्रोशित परिजनों की मंगलवार को इमरजेंसी में मौजूद ईएमओ डाक्टर से कहासुनी शुरु हो गयी। परिजनों का आक्रोशित हो कर हंगामा करने लगे। उनका का आरोप था कि अगर मंगलवार को मरीज को भर्ती कर लेते तो उसकी मौत नहीं होती। कुछ ही देर में कई तीमारदार जुट गए। हंगामा और गुस्सा बढ़ता देख ईएमओ व अन्य डॉक्टर, प्रशिक्षु नर्सिंग स्टाफ आदि इमरजेंसी से भाग खड़े हुए। बढ़ता हंगामा देख डाक्टर व अन्य लोग इमरजेंसी से भाग निकले। वहां पर अफरा-तफरी मच गयी। सूचना पाकर पुलिस ने पहुंचकर मामले को शांत कराया। तब परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये ही शव लेकर चले गए।

निदेशक लोहिया अस्पताल का कहना है कि मरीज को मंगलवार को परिजन इमरजेंसी में लाए , तो इलाज दिया गया, जिससे वह सही हो गए। ड्यूटी पर तैनात ईएमओ ने अगले दिन सुबह ओपीडी में आकर मरीज को दिखाने को कहा था। पर, परिवारीजन बुधवार को देर से ओपीडी पहुंचे। वह भी तब जब मरीज की घर पर हालत काफी बिगड़ने लगी। जिससे उनकी मौत हो गई। डाक्टरों ने इलाज में कोई लापरवाही बरती है।

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