लखनऊ। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में स्ट्रेचर की संख्या बहुत चल रही है। यहां पर मात्र छह स्ट्रेचर रखे गये है, जो कि काफी टूटे है आैर इनसे मरीज तक नीचे गिर जाते है। गंभीर मरीजों को तो जमीन में लेटा कर इलाज किया जा रहा है। लोहिया प्रशासन का कहना है कि इन दिनों एसी प्लांट लगाया जा रहा है। इस वजह से इमरजेंसी से स्ट्रेचर कम कर दिए गए हैं। वहां पर महज छह स्ट्रेचर पड़े हैं। यहां पर ऐसे में आने वाले अति गंभीर मरीज को भी स्ट्रेचर कम होने पर उन्हें जमीन पर लिटा दिया जाता है।
इमरजेंसी में नीलमथा निवासी महिला मरीज चंद्रकला (3ऽ) के पेट में पानी भर गया था। परिजन उसे इमरजेंसी में दोपहर करीब दो बजे लेकर आए थे। जहां पर स्ट्रेचर खाली न होने पर उसे जमीन पर लिटा दिया गया। जहां पर नर्स महिला को ग्लूकोज की बोतल लटका कर चली गयी। दूसरी मरीज बाराबंकी से आई मरीज शकिया (30) दो बज कर तीस मिनट पर परिजन लाए थे। उनसे कहा गया कि बिस्तर -स्ट्रेचर खाली न होने पर तीमारदारों ने उसे ईएमओ कक्ष के सामने जमीन पर लिटा दिया। करीब आधे घंटे तक वह दर्द की वजह से बेहाल । इस दौरान आई एक नर्स ने जमीन पर लिटाकर उसे इंजेक्शन लगाया।
अस्पताल में अति गंभीर मरीजों का इलाज जमीन पर लिटाकर किया जा रहा है। एक दो नहीं बल्कि चार पांच मरीज अलग-अलग जगह पर फर्श पर लेटकर अपना उपचार करा रहे थे। नर्स मरीजों को जमीन पर ग्लूकोज की बोतल चढ़ाती तो कोई इंजेक्शन लगा रही थी। इस बीच मरीज मरीज राम खिलावन (60) को तीमारदारों ने जैसे ही इमरजेंसी के अंदर पड़ी स्ट्रेचर पर लिटाया, तो मरीज स्टे्रचर पर आधा लटक गया। तीमारदार उसे किसी तरह पकड़कर स्ट्रेचर से नीचे उतारे । इसके बाद आए एक गार्ड ने टूटी स्ट्रेचर में पट्टïी से कसाव करके दोबारा मरीज को लिटाया। तीमारदारों का आरोप है कि इमरजेंसी में टूटी स्ट्रेचर पर मरीज को लिटा दिया।
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