लखनऊ । गोमती नगर डा. राममनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने आहार नली (इसोफैगस) के कैंसर का सफल सर्जरी की। कैंसर वाले भाग को निकाल कर आमाशय से दोबारा भोजन नली बना दी। विशेष यह था सर्जरी लेप्रोस्कोपी तकनीक से की गई थी बताते चलें सीतापुर निवासी 62 वर्षीय शांति गुप्ता को काफी समय से पानी निगलने में दिक्कत, खाना खाने मे परेशानी, उल्टी, वजन कम होने जैसी समस्याएं हो रही थी, जिसके बाद परिजनों ने लोहिया इंस्टीट्यूट में मेडिकल आंकोलॉजी में भर्ती कराया,जांच के बाद मेडिकल आंकोलॉजी के डॉ. गौरव गुप्ता ने इलाज शुरु किया और आगे सर्जरी के लिए सर्जिकल आंकोलॉजी में रेफर किया गया। जहां पर डॉ. विकास शर्मा की टीम ने सर्जरी की।
सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रो. विकास शर्मा ने बताया कि महिला की भोजन नली में कैंसर था, जिसके हटाया जाना जरूरी था। महिला की उम्र को दे ाते हुए आेपन सर्जरी न करने का निर्णय लिया गया इसलिए दाई आेर तीन छेद करके पहले सर्जरी कर कैंसरग्रस्त भोजन नली को निकाला गया, उसके बाद आमाशय या पेट के हिस्से को नली का आकार देते हुए उसे फिर से भोजन नली की जगह पर जोड़ दिया गया। मरीज का ऑपरेशन 21 दिसंबर को हुआ, अब वह ाा-पी सकती हैं और सोमवार को उनकी छुट्टी कर दी जाएगी। डाक्टर ने बताया कि आमतौर पर एेसे ऑपरेशन को छाती पर लंबा चीरा लगाकर हड्डियों को काटकर किया जाता है, उसके बाद ही सर्जरी संभव हो पाती है, बाद में हमेशा के लिए घाव का निशान रहता है।
दूरबीन विधि से सर्जरी करने पर नुकसान कम होता है। छोटा चीरा, छोटा निशान, कम दर्द, जल्दी रिकवरी का फायदा होता है। अब कैंसर की सर्जरी में भी इसका प्रयोग होने लगा है।
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