लखनऊ । फर्जी चेक के जरिए किंग जार्ज चिकित्सा विद्यालय के खाते से ढाई करोड़ रूपए के मामले में पुलिस की कार्रवाई से पहले ही इलाहाबाद बैंक ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। बैंक ने अपनी जांच कर कार्रवाई करते हुए शुक्रवार की देर शाम केजीएमयू प्रशासनिक खाते में लगभग एक करोड़ 63 लाख रूपए वापस भेज दिये हैं। दावा है कि जल्द ही केजीएमयू के खाते में शेष रकम भी भेजी जाएगी। यही इलाहाबाद बैंक चेक क्लियर करने वाले कर्मचारियों के उपर कार्रवाई भी करने कर तैयारी कर रहा है।
केजीएमयू के परिसर स्थित इलाहाबाद बैंक में ही कंटीजेंसी खाता चलता है, इसका संचालन कुलसचिव की जिम्मेदारी पर है। दस अक्टूबर को जानकीपुरम स्थित इंडसइंड बैंक के कथित खाताधारक अमित प्रकाश पाठक द्वारा 327565 संख्या का एक चेक जारी कर केजीएमयू के खाते से ढाई करोड़ रूपए निकाल लिए गए थे। इस पर केजीएमयू के प्रशासनिक अधिकारी ने दावा किया था कि मूल चेक उनके पास है। यह चेक कुू लसचिव कार्यालय से जारी नहीं किए गए थे। केजीएमयू प्रशासन ने कथित खाताधारक अमित प्रकाश पाठक के साथ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत पर संदेह जताते हुए आनन-फानन में कोतवाली चौक में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
यहां के वित्त अधिकारी मोहम्मद जमा ने बताया कि हमने इलाहाबाद बैंक से अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, क्योंकि जिस चेक को क्लियर किया गया है, उस क्रमांक का चेक हमारे पास मौजूद है। इसके बाद इलाहाबाद बैंक ने अपनी छानबीन के बाद एक करोड़ 63 लाख रूपए वापस कर दिए हैं। साथ ही जिन दो कर्मचारियों ने चेक क्लियर किया था, उनके खिलाफ भी जांच शुरू हो गयी है। इन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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