जल्द ध्यान नहीं दिया तो भारत बन जायेगा दुनिया का आर्थराइटिस कैपिटल

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लखनऊ – ओस्टियोआर्थराइटिस भारतीयों मेंसबसे ज्यादा पाया जाने वाला अर्थराइटिस है। देश में 15 मिलियन लोग ओस्टियोआर्थराइटिस से प्रभावित हैं। विशेष तौर सेमहिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित रहती हैं। ऐसा पाया गया है कि 65 वर्षकी आयु से ऊपर की महिलाओं में लगभग 45ऽ महिलाओं में इसके लक्षण देखने को मिलते हैं और जांच करने पर पता चला कि लगभग 70 महिलाएं जो कि 65 वर्ष से ऊपर आयु की हैं उनमेंओस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण पाये गयंे हैं।

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यह जानकारी आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ के डा. संदीप कपूर और डाक्टर संदीप गर्ग ने पत्रकार वार्ता में दी।डॉ. कपूर ने बताया की जिस दर से ओस्टियोआर्थराइटिस की समस्याभारत में पाई जा रही है यह संभव है कि साल 2025 तक लगभग सात मिलियन लोग भारत में ओस्टियोआर्थराइटिस से प्रभावित हो सकते है।

डॉ गर्ग ने बताया की जोड़ों की समस्या बढ़ने का एक कारण औसत आयु का बढ़ना भी है। जोड़ों के दर्द या अन्य लक्षणों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और वह जोड़ोंके दर्द को नजरअंदाज न करें। उन्होंने बताया की पिछले कुछ दशकों में ऑपरेशन करने में यहबात सामने आई है की चार पांच मरीजों में महज एक ही पुरुष की सर्जरी होती है, जिससे यह बात साफ हो जाती हैं कि महिलाओं मेंयह समस्या ज्यादा है और साथ ही अर्थराइटिस की समस्या युवा लोगोंमें देखने को भी मिल रही है।

ऐसे में लोगों को सावधानी इस बात पर भी रखनी चाहिए कि वह विभिन्न प्रकार के इलाज वह इंटरनेट पर खोजे गए इलाज पर भरोसा ना करें। शुरुआती लक्षणों के आते ही सहीसमय पर जांच और इलाज से यह संभव है कि बीमारी को उसकेशुरुआती स्टेज पर पकड़ा जाए ।

ऑस्टियो आर्थराइटिस के कारक –

  • मोटापा
  • गम्भीर चोट
  • जमीन पर बैठनेकी आदत
  • धूम्रपान व शराब का सेवन
  • सीढ़ियों काअत्यधिक इस्तेमाल
  • भारतीय प्रसाधन।

ऑस्टियो आर्थराइटिस से बचाव –

  • सही/संतुलित वजन
  • सीढ़ियों का जरूरत परइस्तेमाल
  • शराब व धूम्रपान न करना
  • जमीन पर नबैठना

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