लखनऊ। आयुष्मान भारत योजना के तहत किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पहली जटिल सर्जरी सीवीटीएस विभाग में की गयी। दस वर्षीय बच्ची के दिल में छेद (पीडीए) था। आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण के लिए परिजन सर्जरी कराने में असमर्थ थे। आज डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी करके बच्ची के छेद बंद कर दिया है। सर्जरी में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने पहुंच कर केजीएमयू के विशेषज्ञ डॉक्टरों के कार्य की प्रशंसा की ।
इंदिरा नगर तकरोही स्थित दीनदयालपुरम आरती सोनकर (10) को एक हफ्ता पहले उसकी मां ने ओपीडी में इलाज के लिए आयी थी। केजीएमयू के अनुसार मरीज आयुष्मान योजना का पात्र थी। इस योजना के तहत डॉक्टरों ने उसे सीवीटीएस विभाग में भर्ती कर सर्जरी करने का निर्णय लिया। सीवीटीएस विभागाध्यक्ष प्रो. एसके सिंह के साथ डॉ. विजयंत देवेनराज, डॉ. सर्वेश कुमार एवं एनेस्थिसिया विभाग के प्रो. दिनेश कौशल ने बच्ची का सर्जरी की गयी। विभागाध्यक्ष प्रो. एसके सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत विभाग में पहले मरीज का सर्जरी की गयी है। उन्होंने बताया कि मरीज पेटेंट डक्टस आरटेरियोसिस लाइगेशन बीमारी से ग्रसित थी।
उन्होंने बताया कि बीमारी मां की कोख में यह नली उपस्थित होती है, जोकि प्रसव के बाद बंद हो जाती है। किसी-किसी बच्चे में यह नली बंद नहीं हो पाती है, जिसके खुले रहने से ह्नदय एवं फेफ ड़े दोनों पर संक्रमण होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जिसके लिए ऑपरेशन करने की जरूरत होती है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने डॉक्टरों के कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास एवं सहयोग रहेगा कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ इसके अंतर्गत आने वाले प्रत्येक व्यक्ति एवं उसके परिवार को मिल सके।
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