लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के सभी कर्मचारी संगठन एक मंच पर आ गए है। सभी संगठनों के अध्यक्ष एवं महामंत्री की साथ भैठक हुई, जिसमें संयुक्त सघर्ष मंच बनाया है। मंच के सदस्यों ने कहा कि फिलहाल संस्थान की 2011 की नियमावली में बदलाव के सभी लोग निर्णायक लडाई लड़ने को तैयार है। हम लोग कई महीने से नियमावली में बदलाव के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित कई माननीयों को पत्र दे चुके है लेकिन संस्थान प्रशान हर बार कहता है कि इसके लिए समिति का घटन कर दिया गया है। समिति का गठन हुए एक साल बीत रहा है लेकिन रिपोर्ट शासन को नहीं सौंपी गयी।
बताया कि वर्ष 2011 में बनी नियमावली में कहा कि एम्स के समान सब कुछ मिलेगा ,लेकिन वित्तीय फायदे के लिए प्रदेश सरकार से विशेष अनुमति लेनी होगी इस नियम के कारण एम्स में लागू होने के कई महीने बाद वित्तीय लाभ मिलता है। इसको लेकर संस्थान के कर्मचारियों और अधिकारियों में काफी रोष है। मंच के सदस्यों का कहना है कि यदि नियमावली में बदलाव नहीं किया गया तो हम लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। संस्थान में एस्मा लागा कर हम लोंगों की आवाज दबायी जाती है। उन्होंने कहा कि हम लोगों के काम से पीजीआई एक ब्राांड के रूप में देश में स्थापित हैं हम लोगों के मेहनत को नकारा जा रहा है। संस्थान में लगभग आठ विभिन्न संवर्ग के संगठन है ।
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