लखनऊ। पीजीआई संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने संस्थान में संविदा पर तैनाती में पैसा लेने आरोप लगाया है। उन्होंने तुरंत जिम्मेदारी अधिकारी को हटाने की मांग करते हुए हंगामा किया। सदस्यों का कहना है कि ट्रामा सेंटर के लिए पेशेंट हेल्पर, डाटा इंट्री आपरेटर की तैनाती संविदा पर की जा रही है। यह आउट सोर्सिग से हो रहा है, लेकिन संस्थान के एक बडे अधिकारी और एक अधिकारी के निजि सचिव की लिस्ट के ही आदमी रखें जा रहे हैं।
मोर्चे के सदस्य एवं कर्मचारी महासंघ के महामंत्री रामकुमार सिन्हा सहित कई लोग प्रशासनिक भवन स्थित निदेशक के कार्यलय पहुंच कर हंगामा करने लगे यह तुरंत निदेशक से मिलने की मांग कर रहे थे। निदेशक किसी काम में व्यस्त थे। कहा कि बाद में आएं लेकिन यह लोग वहीं पर बैठ गए तो निदेशक ने इन्हें वार्ता के लिए बुलाया । सदस्यों ने कहा कि संविदा पर तैनाती में पैसा लिया जा रहा है, जिसकी जानकारी संस्थान के सभी लोगों को है। बडे अधिकारी पता नहीं क्यों ऐसा करने वाले के खिलाफ कदम नहीं उठा रहे हैं। मानव संसाधन का काम इस्टेबलिसमेंट के पास होना चाहिए लेकिन यह काम ऐसे व्यक्ति को दिया गया है जिसे मरीजों को सुविधा प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गयी है।
इस पर तुरंत निदेशक ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अमित अग्रवाल को बुला कर मामले को देखने को कहा । सीएमएस ने कहा कि वह इस पर विशेष ध्यान दे कर दोषी के खिलाफ कड़ा कदम उठाएंगे। सदस्य संविदा और परमानेंट तैनाती में स्टाफ के आश्रितों को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर निदेशक से वार्ता करने गए थे, लेकिन वहां पर संविदा पर तैनाती में अनियमिता पर बवाल होने लगा।
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