… तो अब कम रूकना होगा हॉस्पिटल में

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लखनऊ। किसी भी प्रकार की सर्जरी के बाद परिजन मरीज को जल्दी ठीक हो कर घर ले जाने की इच्छा रखते है। इस चाहत को पूरा करने के लिए अब संजय गांधी पीजीआई का एनेस्थेसिया विभाग फास्ट रिकवरी प्रोटोकाल तैयार किया है। इस प्रोटोकाल को पूरी तरह लागू करने के लिए संस्थान के विभिन्न विभागों को सर्जनों को शामिल को भी शामिल कर रहा है। फास्ट रिकवरी के लिए सर्जरी से पहले और बाद में कुछ खास उपाय की जरूरत होती है। विभाग के प्रमुख प्रो. अनिल अग्रवाल और प्रो. रूचि वर्मा ने बताया कि प्रोटोकाल में कुछ विशेष प्रकार की तकनीक से सर्जरी के बाद दर्द कम करना विशेष रूप से शामिल है।

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सर्जरी के बाद जल्दी अस्पताल से छुट्टी मिलने से संक्रमण कम होगा, मरीज गुड फील करेगा , अस्पताल में इलाज का खर्च कम होगा। अभी सर्जरी के बाद मरीज दस से बारह दिन अस्पताल में स्टे करता है, जिसको धीरे -धीरे घटा कर चार से पांच दिन लाना है। इसके लिए सर्जरी से पहले और बाद में कुछ उपाय करना होगा। सर्जरी से पहले और बाद इंसेटिव स्पाइरोमेटरी शामिल है। इससे फेफेडे की कार्य क्षमता बढ़ाती है । सर्जरी के दौरान बैलेस एनेस्थेसिया भी शामिल किया गया, जिसमें खास तरह की एनेस्थेटिक दवाएं दी जाती है।

इसके अलावा जल्दी पेशाब के लिए लगा कैथेटर निकाला जाएगा। मरीज चलना फिरना शुरू देगा। इसी प्रकार कई तरह के उपाय है, जिसको स्थापित किया जाएगा। संस्थान में स्थापित करने के बाद इसका प्रसार किया जाएगा। प्रो. रूचि वर्मा ने बताया कि शुरूआत घर से करना चाहिए इसलिए पहले हम यहां लागू करने के लिए सेंसटाइजेशन सीएमई करने जा रहे हैं।

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