लखनऊ । मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हड़ताल को रोक न पाने व मरीजों की मौत होने की घटना में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर गाज गिरना लगभग तय हो गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जानकारी तलब करने के बाद केजीएमयू की जांच कमेटी जल्द ही रिपोर्ट देकर कार्रवाई करके अपने को बचाने में जुट गये है। बताते चले कि बुधवार को लैब कलेक्शन सेंटर पर कर्मचारियों को मेडिकोज द्वारा पिटाई करने के बाद केजीएमयू के प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया आैर कर्मचारियों की घोषित हड़ताल को टालने की कोशिश तक नहीं की, जिसके कारण बृहस्पतिवार को आठ घंटे तक चली हड़ताल में इलाज के अभाव में मरीजों की मौत हो गयी थी।
जानकारी का कहना है कि अगर केजीएमयू प्रशासन चाहता तो हड़ताल टल सकती थी, लेकिन केजीएमयू हड़ताल से ज्यादा उस दिन होने वाले साक्षात्कार को तवज्जों दे रहा था। कर्मचारियों द्वारा ट्रामा सेंटर जाने से रोका जा सकता था लेकिन कोई कोशिश ही नहीं की गयी। इसके बाद ट्रामा सेंटर भी व्यवस्था को सम्हालने में नाकाम रहा था। इस घटना को मुख्य मंत्री ने गंभीरता से लिया आैर जानकारी तलब की। जानकारी तलब होने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया है। केजीएमयू प्रशासन ने घटना की जांच कमेटी बना कर शनिवार को बयान भी दर्ज कर लिये। बताया जाता है कि जल्द ही केजीएमयू प्रशासन जांच कमेटी के माध्यम से निर्णय लेना चाहता है।
ताकि घटना में कार्रवाई को भी बताया जा सके। बताया जाता है कि केजीएमयू में लगाातार हो रही घटनाओं से बदहाल होती चिकित्सा अव्यवस्था से शासन के लोग नाराज है। ऐसे में जल्द ही प्रशासनिक व्यवस्था में फेरबदल किये जाने की संभावना है। बताया जाता है कि कई लोगों पर गाज गिर सकती है, केजीएमयू में चर्चा है कि सिफारिश लगातार प्रशासनिक पदों पर तैनात होने वाले अधिकारी अपना विभाग का संचालन नहीं कर पा रहे है आैर प्रशासनिक व्यवस्था को चाक चौंबद करने का दावा करते है।
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