स्वस्थ भोजन की महत्ता पर दिया जोर

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लखनऊ। जरूरत से ज्यादा भोजन करने से आप भले ही सोच हो रहे कि आप स्वस्थ रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है, जरूरत से ज्यादा भोजन करने से शरीर में ढेरों बीमारियां पैदा हो रही है। यहां लोगों को स्वस्थ्य जीवनशैली की महत्त्ता की जानकारी देते हुये इंद्रप्रस्थ अपोलो हास्पिटल्स के सीनियर कंसलटेंट, गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी डा. सुदीप खन्ना ने बताया कि आवश्यकतानुसार स्वस्थ्य भोजन से ही स्वस्थ्य जीवनशैली को अपनाया जा सकता है। डा. खन्ना ने लोगों की जीवन शैली से संबंधित गड़बड़ी के मामलों में वृद्धि की जानकारी दी और कहाकि यह आगे चल कर स्वास्थ्य से संबंधित मुश्किल स्थितियों में बदल जाता है।

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ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट 2017 में कहा गया है कि भारत में एनीमिया खून की कमी मोटापा और कुपोषण की समस्या बहुत ज्यादा है। चिकित्सकों ने बताया कि अस्वास्थ्यकर ढंग से खाना कैसे शरीर में बीमारियों को बढ़ावा देता है और देश में बीमारी के बोझ को बनाए रखने में योगदान करता है। उन्होंने कहा इससे ज्यादा खाकर हम अपने शरीर में ढेर सारी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। स्वस्थ भोजन में चार चीजें शामिल है। कब खाएं, क्या खाएं, कैसे खाएं और कितना खाएं। हमें सुबह अच्छा नाश्ता करना चाहिए दिन में थोड़ा खाना और रात में बहुत कम खाना चाहिए। डा. खन्ना ने स्वस्थ भोजन के चार स्तंभ भी बताये ताकि आम लोगों को मोटी बात समझ में आये कि धीरे धीरे खाना चाहिए और खाते समय टीवी फोन या कंप्यूटर पर ध्यान नहीं होना चाहिए।

इससे हमारा ध्यान खाने पर होगा और हम ज्यादा खाने से बचेंगे। जहां तक हमें क्या खाना चाहिए का सवाल है इस बात पर पर्याप्त जोर नहीं दिया जा सकता है कि भिन्न किस्म की सब्जियां और फल हमारे संतुलित भोजन का हिस्सा होना चाहिए। हमारे भोजन में चीनी न्यूनतम या शून्य होना चाहिए। शीतल पेय या डिब्बा बंद जूस से बचना चाहिए। हमेशा जल्दी भोजन करना लेट खाने से बेहतर रहता है और पिछला भोजन खत्म करने तथा अगला शुरू करने के बीच कम से कम ढाई तीन घंटे का अंतर होना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि हम क्या खाएं यह हमारी आयु तथा हम किस तरह का काम करते हैं उस पर निर्भर होना चाहिए।

आजकल ढेरों सॉफ्टवेयर तथा ऐप्प आसानी से उपलब्ध हैं। इससे हमें यह तय करना चाहिए कि कितनी कैलोरी और प्रोटीन की आवश्यकता है और उतना ही खाने चाहिए ताकि स्वस्थ बने रहें। यह भी महत्वपूर्ण है कि हर बार भोजन से पहले हम अपने हाथ धोएं। फलों को ताजे पानी से धोइए भले ही आप उसका छिल्का उतार कर खाने वाले हों। खाने की बची हुई चीजें फ्रीज में उपयुक्त तापमान पर रखी जानी चाहिए ताकि अगले दिन जब हम इसे खाएतो यह संक्रमित न हुआ हो। अंत म ेंएक ओपन हाउस का भी आयोजन किया गया जहां डॉ. खन्ना ने जनता के भिन्न सवालो के जवाब दिए और स्वस्थ भोजन से संबंधित कई मिथकों का सच बताया।

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