लखनऊ। रक्तदान नेक कार्य है इसे हम सभी को करना चाहिए ,लेकिन पिछली सरकारों में इस तहर के कार्यो को विशेष महत्व नहीं दिया गया । इसके कारणों की जानकारी हमे नहीं है। रक्त की कितनी आवश्यकता होती है,यह हम सभी जानते हैं। यह कहना है प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सिद्धार्थ नाथ सिंह का। वह शुक्रवार को ब्लड कलेक् शन एवं ट्रॉस्पोर्टेशन वैन का फ्लेग ऑफ तथा ब्लड मोबाईल ऐप के शुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा हेतु जितनी रक्त की आवश्यकता है उसका लगभग ५० प्रतिशत ही रक्तदाताओं से उपलब्ध हो पाता है। रक्त को कम्पोनेंट्स में बांटकर एक रक्तदाता से चार मरीजों की जान बचाई जा सकती है। ऐसे में ‘ब्लड कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन वैनÓ के माध्यम से ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों के निवासियों को भी रक्तदान में सम्मिलित किया जाना सम्भव हो जायेगा और रक्त की उपलब्धता को बेहतर किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा आज सरकार पूरी प्रतिबद्धता से रक्त की कमी से होने वाली बीमारियों और जनहानि को कम करने के लिए कार्य कर रही है। जबकि यह काम बहुत पहले ही शुरू हो जाना चाहिए था,लेकिन पिछली सरकार ने इसे क्यों शुरू नहीं किया ,ये वहीं लोग बता सकते हैं।
समारोह में राज्य मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने रक्तदान के महत्व पर अत्यन्त भावुक उद्बोधन में कहा कि इस दान के बराबर कोई दान नहीं है। 18 से 65 वर्ष तक का हर व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। रक्तदान धर्म-जाति, ऊँच-नीच जैसी सामाजिक विद्रूपताओं से परे है।
डा. महेन्द्र सिंह ने आवश्यकता के अनुरूप प्रदेश में मरीजों के लिए रक्त की उपलब्धता न होने पर चिंता व्यक्त की तथा कहा कि वैन की सहायता से अब सुदूर क्षेत्रों तक रक्तदान शिविर का आयोजन सम्भव हो जायेगा ऐसे में डोनर की संख्या में वृद्धि से यह कमी भी बड़े स्तर पर पूरी की जा सकेगी।
कार्यक्रम में थैलेसीमिया ग्रसित बच्चों को पहचान पत्र प्रदान किया गया। पहचान-पत्र बन जाने से इन बच्चों को नि:शुल्क, बिना प्रतिस्थानी के किसी भी राजकीय रक्तकोष से रक्त प्राप्त हो जायेगा। कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह और राज्यमंत्री परिवार कल्याण स्वाति सिंह भी मौजूद थे