लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में तम्बाकू जनित मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो गयी है। पहले 60 लाख लोग हर साल तम्बाकू के कारण मृत होते थे पर अब 70 लाख से अधिक लोग हर साल तम्बाकू जनित कारणों से मृत होते हैं। यह अत्यंत चिंताजनक बात है क्योंकि हमारे देश ने वादा किया है कि गैर-संक्रामक रोगों से होने वाली असामयिक मृत्यु दर में गिरावट आयेगी पर मृत्यु दर तो बढ़ गया है।
यह बात केजीएमयू के पूर्व प्रोफेसर (डा.) रमाकान्त ने बुधवार को सीतापुर रोड स्थित बोरा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस कार्यक्रम में मुख्य वक्त के रूप में कही। उन्होंने बताया कि न सिर्फ तम्बाकू जनित मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो गयी है बल्कि परोक्ष धूम्रपान से होने वाली सालाना मृत्यु में भी बढ़ोतरी हो गयी है। पहले 6 लाख लोग हर साल विश्व में परोक्ष धूम्रपान से मृत होते थे पर अब यह मृत्यु दर बढ़कर 8.9 लाख सालाना हो गया है।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबन्ध को सख्ती से लागू करना अत्यंत आवश्यक है जिससे कि कोई भी परोक्ष धूम्रपान से न रोग-ग्रस्त हो और न ही मृत हो। राहुल द्विवेदी ने कहा कि यदि तम्बाकू जनित मृत्यु और रोग दर को कम करना है तो यह अत्यंत आवश्यक है कि हर तम्बाकू व्यसनी को बिना विलम्ब प्रभावकारी तम्बाकू नशा उन्मूलन सेवा मिले, जिससे कि जानलेवा तम्बाकू जनित रोगों और मृत्यु दर में गिरावट आये।