दो दिनों में कोरोना संक्रमण के 334 मरीज

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लखनऊ। राजधानी में कोरोना संक्रमण कम नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि लोगों की लापरवाही से कोरोना संक्रमण तेजी पकड़ रहा है।

 

 

 

शुक्रवार को 187 लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं। बताते चले कि लगभग दो महीने पहले 191 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जबकि बृहस्पतिवार को 147 लोग कोरोना संक्रमित मिले थे। आंकड़ों के अनुसार दो दिन में 334 लोग संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।

 

 

 

 

राजधानी में 839 कोरोना के सक्रिय मरीज हो गये है। लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने तेजी से बढ़ रहे संक्रमित क्षेत्रों में जांच को आैर ज्यादा करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा संक्रमण पर निंयत्रण के लिए मास्क न लगाने वाले लोगों पर जुर्माना किये जाने पर विचार किया जा रहा है।
बृहस्पतिवार को 147 लोग कोरोना संक्रमित मिलने के बाद शुक्रवार को भी कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सौ के ऊपर रहता हुए दो सौ के करीब 187 पहुंच गया है।

 

 

 

 

 

 

राजधानी में सबसे ज्यादा आलमबाग क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मिल रहे है। शुक्रवार को आलमबाग क्षेत्र में 45 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद अलीगंज क्षेत्र में 39 लोग संक्रमित हैं। चिनहट में 23 और सरोजनीनगर में 21 लोग संक्रमण की चपेट में आ गये है। वही इंदिरानगर में 19, कैसरबाग में 14 और एनके रोड इलाके में सात लोग कोरोना संक्रमति है। इसके अलावा रेडक्रास में छह, सिलवर जुबली में पांच, माल और टूड़ियागंज में तीन-तीन लोगों में कोरोना संक्रमित मिले हैं। अगर ग्रामीण क्षेत्रों को देखा जाए तो गोसाईंगंज में दो और मलिहाबाद में एक लोग संक्रमित मिले हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के सम्पर्क में आने वाले 28 लोग कोरोना संक्रमित है। वही सात यात्री कोरोना संक्रमित मिले है,जब कि 28 लोग लक्षणों के आधार पर जांच कराने के बाद कोरोना संक्रमित पाये गये है।

 

 

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि संक्रमण के बढ़ने पर जांच की संख्या बढ़ायी जा रही है। अभी रोजाना चार से पांच हजार लोगों की जांच हो रही है। जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए रैपिड़ रिस्पांस (आरआर) टीम को कान्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। बस, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट की व्यवस्था को आैर चाक चौबंद करते हुए जांच करने के लिए कहा गया है। उनका मानना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में लापरवाही बढ़ गयी है। लोग मास्क नहीं लगाना बंद कर दिये हैं। भीड़-भाड़ में भी बिना मास्क आ जा रहे हैं। सैनेटाइजर का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। हालात यह हैं कि अस्पताल की ओपीडी तक में लोग बिना मास्क के पहुंच रहे हैं। ओपीडी में लम्बी लाइन व खचाखच भीड़ के बावजूद मरीज व अस्पताल के कर्मचारी मास्क नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर देखा जाए तो मात्र पांच से सात फीसदी लोग ही मास्क लगा रहे हैं। सभी अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिये गये है कि बिना मास्क के ओपीडी में प्रवेश न दिया जाए।

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