लखनऊ। गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एके त्रिपाठी ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया है। एक हफ्ता पहले दोबारा जॉइनिंग के बाद अचानक इस्तीफा देने से शासन प्रशासन के अलावा पूरा संस्थान हतप्रभ है। कल देर शाम दिए गए इस्तीफे को राजभवन ने स्वीकार भी कर लिया है। हालांकि अभी तक किसको कार्यभार दिया जाए यह तय नहीं हो पाया है। बताया जाता है कि कल शाम तक प्रोफेसर त्रिपाठी निदेशक पद पर बैठे हुए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग और आवश्यक दिशा निर्देश भी दे रहे थे। किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह देर शाम इस्तीफा भी दे देंगे। जिसको भी पता चला उसको एक बार यकीन ही नहीं हुआ। चर्चा है या है कि संस्थान की आंतरिक राजनीति और गुटबाजी के चलते प्रोफेसर त्रिपाठी ने इस्तीफा दे दिया है हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। 13 नवंबर को उनको पुराने आरोपों से मुक्त करते हुए दोबारा निदेशक की कुर्सी थमाई गई थी। चर्चा है कि उनके वापस लौटने से संस्थान के दो वरिष्ठ डॉक्टरों के दो गुट इस बात को पचा नहीं पा रहे थे। निदेशक प्रोफेसर त्रिपाठी ने इमरजेंसी व्यवस्था को सुधारने का निर्देश भी दिया था
लेकिन फैकल्टी सदस्यों का पूरी तरह साथ ना मिल पाने के कारण प्रोफेसर त्रिपाठी व्यवस्था को संभाल नहीं पा रहे थे। लोगों का कयास है कि दोबारा आरोप लगने से बेहतर इस्तीफा देना प्रोफेसर त्रिपाठी ने समझा और इस्तीफा दे दिया।