इस उम्र के बच्चों को मोबाइल नही, पड़ता है दिमाग पर असर

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लखनऊ। दो साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल बिल्कुल नहीं इस्तेमाल करने देना चाहिए, इससे उनके मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह बात प्रो. एल के भारती ने संजय गांधी पी जी आई के डायटेटिक्स विभाग द्वारा जनजागरूकता अभियान में कही। ओ पी डी रोगी प्रतीक्षालय में जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियों के बचाव व उपचार” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

 

 

 

 

डा. एल. के भारती ने कहा कि इंडियन अकैडमी ऑफ पीडिआट्रिक्स के अनुसार दो साल के उम्र के ऊपर अधिकतम दो घंटे से ज्यादा स्क्रीन-टाइम नहीं होना चाहिए, जिसमें मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर गेम्स खेलना सभी सम्मिलित है। स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए घर के बड़े सदस्यों को स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करना होगा।
इसके अलावा डायबटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, फैटी लिवर, हाई कोलेस्ट्राल, डिसलिपिडिमिया, मोटापा इत्यादि बीमारियों के बचाव के लिए सही आहार, व्यायाम व जीवन शैली में बदलाव के बारे में बताया गया। कार्यशाला में संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजय धिराज, और सीनियर फिजीशियन , डा. प्रेरणा कपूर भी उपस्थित थे।

 

 

 

 

 

इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. धीराज ने कहा कि हमें स्वस्थ और सक्रिय जीवन शैली को अपनाना चाहिए। उन्होंने जनसामान्य के लिए जीवन शैली व संतुलित आहार पर इस तरह की कार्यशाला व सेमिनार को समय-समय पर आयोजित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। डा. प्रेरणा कपूर ने जीवनशैली में बदलाव करने हेतु निरंतर प्रयास करने के लिये जनसामान्य को जागरूक किया। संदीप श्रीवास्तव ने जीवनशैली व सेडेन्टी कार्यशैली से होने वाली बीमारियों के परिप्रेक्ष्य में व्यायाम और योग के महत्व को बताया गया।

 

 

 

कार्यशाला में संतुलित आहार पर सुरभि चन्द्रा, महिलाओं मे खून की कमी पर अर्चना द्विवेदी, मेटाबोलिक सेन्ड्रोम पर ममता शर्मा, आहार में फाइबर व पानी के महत्व पर प्रीती यादव व दीपा मिश्रा ने मिलेट मिशन के विषय में बताया, जिसमें मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करने के महत्व के बारे मे बताया गया। इस अवसर पर सीनियर डायटीशिन अर्चना सिन्हा, मोनिका, डॉ. शिल्पी पाण्डेय, डा. निरुपमा सिंह व रीता आनंद भी उपस्थित थे। कार्यशाला में 200 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। कार्यशाला में विशेषज्ञ के तौर पर प्रो. सुशील गुप्ता (इण्डोक्राइनोलॉजी) व प्रो. प्रीति दबड़गाव (इण्ड्रोकीनोलोजी) भी उपस्थित रहे, जिन्होने डायबिटीज एवम उससे होने वाली बीमारियों व बचाव के बारे में व्याख्यान दिया। कार्यशाला में इन्टेंन शिवांगी, रिचा, स्वेच्छा, रुखसार रुचि, शिखा, प्रीति मांगलिक, शाजिया, ज्योति, आयुशी व प्रतिभा यादव ने भाग लिया।

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