लखनऊ। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के मरीज को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मुफ्त इलाज दिये जाने के नाम पर कागजी प्रक्रिया शुरू करने के नाम पर आठ हजार रुपए मांगे जा रहे है। परेशान तीमारदारों ने जिम्मेदार अधिकारियों से इसकी शिकायत की। आश्चर्य की बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारियों ने इसके बावजूद अभी तक कुछ नहीं किया। तीमारदार आयुष्मान योजना के आर्थिक संकट से परेशान होकर अब मुफ्त इलाज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व बाबुओं से फरियाद करते घूम रहे हैं।
गोरखपुर स्थित बांध गांव निवासी अमरावती छत से गिर गयी। उसके कमर सहित शरीर के कई अंगों में गंभीर चोटे आयी। तीमारदार घायल अमरावती को लेकर स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर बताते हुए केजीएमयू रेफर कर दिया।
पति शिवराज मिश्रा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ घायल पत्नी को लेकर केजीएमयू पहुंचे। यहां ट्रॉमा सेंटर में मरीज की जांच के बाद मरीज को भर्ती करने की परामर्श दिया आैर डॉक्टरों ने सर्जरी बतायी। तीमारदारों ने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड होना बताया।
डॉक्टरों ने आयुष्मान काउंटर पर जाकर जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के लिए भेजा। भतीजे सिंटू मिश्र का आरोप हैं कि यहां कर्मचारियों ने आयुष्मान की सूची में मरीज का नाम न होने की बात कही। वहीं मुख्य पीआरओ ऑफिस के पास भी तीमारदारों की शिकायत नहीं सुना गया। आरोप हैं कि एक कर्मचारी ने आयुष्मान की सूची में नाम डालवाने के एवज में आठ हजार रुपए मांग लिया।
गरीब तीमारदारों ने इतनी रुपया दे पाने में असमर्थता जाहिर की। इसके बावजूद कर्मचारियों ने तीमारदारों की बात नही सुनी आैर उन्हें लौटा दिया। पैसे के अभाव में मरीज का सर्जरी रूक गयी। तीमारदार आयुष्मान से जुड़े अधिकारियों से शिकायत के लिए केजीएमयू में परिक्रमा कर रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।