लखनऊ। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस का सेकेंड बैच में मेडिकोज छोटे बाल, झुकी नजरें, घुटने तक एप्रेन और सीनियर को देखते ही दो बार हाथ उठाकर “नमस्ते बॉस” बोलने का स्टाइल है। यहां नये बैच के मेडिकोज रैगिंग के खौफ के साये में हैं। हालांकि लोहिया प्रशासन के जिम्मेदार मेडिकोज की रैगिंग को नकारते तो हैं, उनका दावा है कि एंटी रैगिंग सेल का गठन किया जा चुका है और ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है आैर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
लोहिया संस्थान में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की कक्षाएं बीस अगस्त से शुरू हुई हैं। संस्थान में दूसरे वर्ष के एमबीबीएस बैच के मेडिकोज के अवकाश से लौटने के बाद मेडिकोज के आने के बाद परिसर का माहौल पूरी तरह से बदल गया है। प्रशासन का एंटी रैंगिग सेल के लोग कड़ी नजर रख रहे है। नये मेडिकोज जो कि झुंड बनाकर निकल रहे थे। अब प्रथम वर्ष के मेडिकोज अब सीधी लाइन में और नजरें झुकाकर चल रहे हैं। बताया जाता है कि नये बैच के मेडिकोज व पुराने बैच के मेडिकोज एक ही हास्टल में रहते है।
जिम्मेदार अधिकारियों ने क्षेत्र को बांट तो रखा है, लेकिन कही भी या क्लासरूम से निकलकर हॉस्टल की तरफ जा रहे प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स ने सीनियर से सामना होते ही दो बार हाथ उठाकर नमस्ते बॉस बोला। बताया जाता है कि कहा गया है कि जितनी बार सीनियर दिखें नमस्ते बॉस बोलना है। इसके अलावा एप्रेन घुटने तक वाली और बांह पूरी फुल खुली रखनी है। बाल सेना के जवान स्टाइल की तरह बिल्कुल छोटे रखने हैं। बताया जाता है कि छात्राओं को चोटी या पोनीटेल बांधने के निर्देश दिए गए हैं। छोटे बाल रखने वाली छात्राएं भी बाल खुला रखने के बजाय चोटी या पोनीटेल बांधे हुए हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ़ दीपक मालवीय के रैगिंग जैसी कोई बात नहीं है। छोटे बाल तो आमतौर पर स्टूडेंट्स अपनी पसंद से रख रहे हैं। यह बिन कहे एक नियम है। सीनियर का सम्मान रैगिंग नहीं होता है। फिर ऐसी कोई समस्या है तो एंटी रैगिंग सेल है। रैगिंग सेल के सभी सदस्यों के नंबर वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं। अगर कोई भी शिकायत करता है तो तत्काल एक्शन लिया जाएगा।
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