लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कर्मचारी की मौत के बाद अब यहां के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) को पद से हटाने की मांग तेज होती जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि सीएमएस की लापरवाही की व्यवस्था चरमरा गयी है। इसको लेकर भाजपा के अनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय जनहित कामगार कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है।
महासंघ के राष्ट्रीय सचिव सर्वेश पाठक ने बताया कि लोहिया संस्थान में इलाज कराने कर्मचारी के पहुंचने के बाद अन्य कर्मचारियों ने सीएमएस को लगातार फोन किया गया। वहां पर इलाज की व्यवस्था के लिए परेशान रहे, लेकिन लापरवाही का आलम यह था कि संस्थान के कर्मचारी को ही यहां इलाज नहीं मिला। कर्मचारी की मौत का कारण डेंगू बताया जा रहा है, लेकिन तत्क ाल डेंगू का इलाज कराया जाता, तो कर्मचारी को बचाया जा सकता था। राष्ट्रीय सचिव सहित संगठन के अन्य कर पदाधिकारियों और लोहिया संस्थान के कर्मचारियों ने मांग की है कि सीएमएस के नेतृत्व में यहां की क्लीनिक व्यवस्था चौपट होती जा रही हैं, ऐसी स्थिति में उन्हें हटाया जाए। सभी एक मत से चेतावनी दी है कि सीएमएस के नहीं हटाया जाने पर लोहिया संस्थान के कर्मचारी आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे।
इस संबंध में सीएमएस डॉ राजन भटनागर से बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन वार्ता नहीं हो सकी। संस्थान के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह का कहना है कि प्राथमिक जांच रिपोर्ट में लापरवाही के आरोपी दोनों रेजिडेंट डॉक्टरों को हटाया जा चुका है।